गजब! चोरी का सामान 2500 में बेचा, सात साल बाद पकड़े गए चोर, बोले- 'ये लो दो हजार 500 खर्च हो गए'
पानीपत में सीआईए थ्री ने सात साल पहले शराब ठेके से चोरी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने चोरी की बैटरी 2500 रुपये में बेची और 500 रुपये खर्च किए। पुलिस ने 2000 रुपये बरामद किए लेकिन कहानी पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या सात साल में इतनी रकम बचाना संभव है। पुलिस जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, पानीपत। सीआइए थ्री ने गुप्त सूचना पर सात साल पहले गांव उरलाना कलां के पास शराब ठेके से शराब की बोतल व इन्वर्टर बैटरी चोरी के आरोप में दो को गिरफ्तार किया।
आरोपितों की पहचान जींद जिले के खेडी खेमावती गांव निवासी दीपक व मोनू के रूप में हुई है। आरोपितों ने उसी वक्त इंटवर्टर बैटरी 2,500 रुपये में बेच दी थी। इस राशि में से चोरों ने 500 रुपये ही खर्च किए। पुलिस ने इनसे 2,000 रुपये बरामद किए हैं।
पुलिस ने यह कहानी शुक्रवार दोपहर को जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताई है। यह पुलिसिया कहानी हंसी का वाक्य भी बन गई है। किसी को पुलिस की इस कहानी पर विश्वास नहीं हो रहा है।
सवाल यह उठ रहा है कि क्या ऐसा संभव है कि सात साल में दो हजार रुपये को बचाकर रखा जाए और सिर्फ 500 रुपये ही खर्च किए जाए। जब इस कहानी के बारे में सीआइए थ्री के प्रभारी से बात की तो उन्होंने तबीयत खराब है व जांच अधिकारी पर जिम्मेदारी थोप दी। डीएसपी मुख्यालय ने अपने जांच अधिकारी पर विश्वास करते हुए इस कहानी को सही बताया।
पुलिस के अनुसार टीम को वीरवार शाम को गश्त के दौरान गुप्त सूचना मिली थी कि संदिग्ध किस्म के दो युवक एक स्पलेंडर बाइक पर मतलौडा में अदियाना मोड़ पर घूम रहे हैं।
पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर दबिश देकर बाइक सवार दोनों युवकों को हिरासत में लिया। दोनों आरोपितों ने अगस्त 2018 में गांव उरलाना के पास सफीदों- गोहाना रोड पर स्थित शराब ठेके से एक इंवर्टर, एक बैटरी, अंग्रेजी, देसी शराब व बीयर की बोतलें चोरी करने की वारदात में कबूलनामा किया।
पुलिस को आरोपितों ने बताया वे दोनों नशा करने के आदी है। दोनों आरोपितों ने नशे की लत पूरी करने के लिए मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया था।
उन्होंने चोरी की इंवर्टर बैटरी 2500 में बेच दी थी। उन्होंने 500 रुपये खर्च कर दिए। इनसे दो हजार रुपये बरामद किए गए हैं। इनसे वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है। दोनों को जेल भेज दिया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
सीआइए थ्री प्रभारी विजय कुमार ने कहा कि उनकी तबीयत खराब है। इस बारे में मामले के जांच अधिकारी ही कुछ बता सकते हैं। डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स ने कहा कि जो भी लिखा होगा सही ही होगा, गलत क्यों लिखा गया होगा।
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