हत्या के तीन दिन बाद पहुंचा महंत रामभज दास का पार्थिव शरीर, क्रुद्ध लोग सड़कों पर उतरे
24 जून की रात सांगन गांव स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम के महंत रामभज दास की पीट पीट कर किसी ने हत्या कर दी थी। दम तोडऩे से पहले तीन लोगों के नाम ले गए। पुलिस जांच में जुटी है।
कैथल, जेएनएन। षड्दर्शन साधु समाज हरियाणा के उपाध्यक्ष सांघन गांव के श्रृंगी ऋषि आश्रम के महंत रामभज दास की हत्या पर उनक समर्थक शनिवार काे भड़क उठे। हत्यर के दो दिन बाद उनका पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा तो गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए। वह पार्थिव शरीर को लेकर कैथल शहर की ओर रवाना हो गए। उन्होंने शहर में जाम लगाने का ऐलान किया है।
पार्थिव शरीर लेकर कैथल शहर में जाम लगाने ट्रैक्टर ट्रालियाें मेंं रवाना हुए ग्रामीण
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भर-भरकर गांव सांघन सहित कई गांवों के लोगों ने कैथल शहर का रुख किया। इससे पहले गांव में पंजाब जाने वाली सड़क पर जाम लगाया था। गुस्साए लोगों ने महंत का पार्थिव शरीर लेकर शहर के बीचों बीच पिहोवा/नवग्रह चौक पर जाम करने का ऐलान किया है। दूसरी ओर कैथल के एसपी शशांक कुमार सावन का कहना है कि हमने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पूरी जांच के बाद ही गिरफ्तारी की जाएगी। जाम लगाने का मतलब पुलिस के कार्य में बाधा डालना है।
तीन दिन पहले हुई हत्या के बाद महंत का पार्थिव शरीर आज उनके गांव पहुंचा। उनके साथ सैंकड़ों समर्थक और श्रद्धालु नजर आए। यहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। उनकी हत्या को लेकर साधु समाज में रोष अभी भी व्यापत है। शाम होते होते यह आक्रोश और बढ़ गया और ग्रामीणों और अन्य लोगों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। फैसला लिया गया कि वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
पहले कार्रवाई हो। ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। इसके बाद सभी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जाम लगाने के लिए शहर की ओर निकल पड़े। ऐसे में तनाव की स्थिति बनी हुई है। महासचिव महंत ईश्वर दास ने कहा कि महंत रामभज दास मात्र 28 वर्ष की आयु के थे और आश्रम के विकास कार्यो में दिन रात जुटे रहते थे। कोरोना महामारी के चलते उनकी रिपोर्ट आने तक पार्थिव शरीर को अस्पताल की मोर्चरी में ही रखा गया और इस प्रक्रिया में करीब तीन दिन लग गए।
दम तोडऩे से पहले तीन नाम ले गए महंत रामभज दास
कैथल : 24 जून की रात सांगन गांव स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम के महंत रामभज दास की पीट पीट कर किसी ने हत्या कर दी थी। दम तोडऩे से पहले तीन लोगों के नाम ले गए। तीन ही नामों का जिक्र सेवादार ने शिकायत में किया है। महंत बुधवार रात को कैथल से आश्रम पहुंचे तो कुछ देर बाद ही बेलरखां गांव के युवक के साथ जूस पीने की बात कहकर चले गए। देर रात को आश्रम के सेवादारों को किसी ने महंत पर हमला होने की सूचना दी। इसके बाद गांव के कुछ मौजिज व्यक्ति और आश्रम के सेवादार सिविल अस्पताल कैथल पहुंचे। जहां कलायत पुलिस महंत को एक एंबुलेंस में लेकर अस्पताल पहुंची। यहां से महंत की गंभीर हालत को देखते हुए चंडीगढ़ रेफर कर दिया।
सेवादार अमनदीप के मुताबिक महंत ने पीजीआइ जाते समय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि तीन लोगों ने एक साजिश के तहत उस पर हमला करवाया है। हमला करने वालों में छवि दास बाबा, कुलबीर और मेहरा राम का नाम लिया। डंडों से तीनों ने पीटा और इसके बाद उसकी गाड़ी, नकदी और मोबाइल भी छीनकर ले गए।
महंत की हत्या से ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने बताया कि महंत रामभज दास ने सांघन गांव आश्रम में चार साल पहले ही गद्दी संभाली थी। उनके आश्रम संभालने के बाद काफी काम हुए। इनमें शेड का निर्माण, तीर्थ का जीर्णोद्धार, आश्रम परिसर को पक्का करवाना, श्मशान घाट के निर्माण में सहयोग करना सहित अन्य कार्य करवाए। एमए तक की पढ़ाई महंत ने की हुई थी। कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों की सेवा के लिए हमेशा आगे रहते थे।
उधर ग्रामीणों का यह भी कहना है कि महंत इस डेरे के साथ-साथ कुतुबपुर रोड पर स्थित एक डेरे की जिम्मेदारी भी संभाले हुए था। इस डेरे को लेकर महंत के साथ डेढ़-दो साल पहले कोई विवाद भी हुआ था। इसी को लेकर कुछ लोग उससे रंजिश रखे हुए थे। डेरे की इस जमीन को लेकर चल रही रंजिश को भी घटना से जोड़ा जा रहा है।