यहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने किया था पितामह का पिंडदान, कुछ ऐसा है सरस्वती धाम Panipat News
हरियाणा में एक ऐसी जगह है जिसे धाम माना जाता है। यहां श्रीकृष्ण ने भीष्म पितामाह का पिंडदान किया था। शास्त्रों में भी इस स्थल का वर्णन है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। सरस्वतीनगर (मुस्तफाबाद से नाम बदला) स्थित सरस्वती धाम पर महाभारत के युद्ध के बाद श्री कृष्ण भगवान ने भीष्म का पिंडदान किया था। स्थल का अपना ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व है, लेकिन यह स्थल अब मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। सरस्वती कुंड में तालाब का गंदा पानी गिरता है। जिससे यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही हैं। दूर-दराज से भारी संख्या श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। सरस्वती विकास समिति कई दफा इस धाम पर सुविधाओं के लिए मांग उठ चुकी हैं। आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला, जिससे सभी में प्रशासन के प्रति रोष है।
पेहवा से पहले पिंडदान यहां पर होते है
मंदिर के पूजारी विष्णु शास्त्री का कहना है कि इस स्थल का वर्णन शास्त्रों में हैं। बंटवारे के वक्त 1947 में यहां के महा ब्राह्मण पेहवा में चले गए थे। यहां की मान्यता पेहवा से ज्यादा है। यहां पर पवित्र सरस्वती सरोवर, सरस्वती मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, हनुमान मंदिर, मां काली मंदिर, शनि मंदिर, संतोषी मां मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, शिव मंदिर, लक्ष्मी नारायण प्राचीन मंदिर, सांई मंदिर, बाबा बालक नाथ व मंदिर पंचमुखी मंदिर है। जितने मंदिर एक स्थान पर यहां पर है, ऐसा स्थान दूसरा प्रदेश में दूसरा नहीं है। उनका दुख है कि इस सरकार में भी धाम की अनदेखी हो रही है।
सफाई कर्मचारी भी नहीं है धाम पर
सरस्वती विकास समिति के प्रधान शिवराम सैनी इस स्थल की बहुत धार्मिक मान्यता है। अनदेखी के चलते स्थल पिछड़ रहा है। धाम पर सफाई कर्मचारी तक नहीं है। जिस कारण दिक्कत ज्यादा आ रही है। पैसे एकत्र कर सफाई करवानी पड़़ रही है। प्रशासन से इस बारे में कई दफा गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। डीसी मुकुल कुमार से भी मिल चुके हैं। तब भी कोई हल नहीं निकला।
गंदे पानी से करना पड़ता आचमन
सरस्वती विकास समिति के कैशियर डॉक्टर राजेंद्र मेहता का कहना है कि पहाड़ों के बाद सरस्वती नगर में सरस्वती नदी का मगरपुर रोड से सरोवर तक पहला मुख दर्शन है। उसके बाद पेहवा में दर्शन होते हैं। सरस्वती धाम पर पूजा अर्चना के लिए काफी श्रद्धालु आते हैं। सरोवर के बराबर में गांव की निकासी का तालाब है। तालाब का दूषित पानी पवित्र सरोवर में पहुंच रहा है। मजदूरी में श्रद्धालुओं को दूषित पानी का आचमन करना पड़ रहा है।
कटारिया ने केवल घोषणा की, सीएम ने मात्रा दो नलकूप लगाए
समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इस स्थल पर मनोहर लाल सीएम बनने से पहले काफी आते थे। यहां पर रूकते भी थे। सीएम बनने पर इस धाम में सुविधाओं के लिए मनोहर लाल से भी मिल चुके हैं। सुविधाओं के लिए केवल दो नलकूप और मुस्तफाबाद को नाम बदलकर सरस्वती नगर किया है। सांसद व केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया भी यहां पर आए है। विकास के लिए घोषणा कर गए थे। लेकिन काम कोई नहीं हुआ है। प्रशासन की तरह राजनेताओं को भी इस स्थल की ओर ध्यान नहीं है।
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