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    हरियाणा में यहां एकमात्र शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली, बुर्ज खलीफा इमारत की तर्ज पर होगी भव्‍य आतिशबाजी

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 01 Apr 2022 09:14 AM (IST)

    मां भद्रकाली मंदिर में पहले नवरात्र पर होगी भव्य आतिशबाजी। 1100 कोल्ड फायर लगाए। बुर्ज खलीफा इमारत की तर्ज पर लगाए जा रहे हैं कोल्ड फायर। 5 मिनट में 5 बार होगी आतिशबाजी। 108 फुट ऊंचे गुंबज पर 1100 कोल्ड फायर लगाए जाएंगे।

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    कुरुक्षेत्र स्थित शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली मंदिर।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। चैत्र नवरात्र दो अप्रैल को शुरू होंगे। इन्ही के साथ हिन्दू संवत नववर्ष लगेगा। प्रदेश के एकमात्र शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप मां भद्रकाली मंदिर के 108 फुट ऊंचे शिखर से भव्य आतिशबाजी की जाएगी। इसके लिए मंदिर में दिल्ली से पटाखा कारीगरों के छह सदस्यों की टीम आई है। पटाखों को गुंबद पर लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

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    पीठध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि कोरोना के चलते दो साल से नवरात्र पर आनलाइन आरती और पूजन पर जोर दिया जाता था। पिछली बार कुछ छूट मिलने पर कार्यक्रम किया गया था। इस बार नवरात्र खास तरह से मनाया जाएगा। पांच मिनट तक के फायरवर्क में तीन बार पटाखों को चलाया गया था, इस बार ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जाएगा और उन्हें रिमोट कंट्रोल के जरिये ही संचालित किया जाएगा।

    पटाखे एक्सपर्ट नरेंद्र ने 1100 पटाखे लगाए है। उन्होंने बताया कि 108 फुट ऊंचे गुंबद पर पटाखों को एक घिरनी के जरिये ही ऊपर लगाया गया है।इसमें सिर्फ कोल्ड फायर का ही इस्तेमाल किया जाएगा। कोल्ड फायर को इलेक्ट्रिक तरीके से कंट्रोल किया जाएगा। पटाखों को सही रूप से ऊपर रोकने के लिए मौसम की जानकारी, हवा का दबाव, रुख और हवा की गति का भी जानकारी लेकर केलकुलेशन किया जा रहा है।

    युवाओं को अपनी सभ्यता से जोड़ने का प्रयास : पीठाध्यक्ष

    पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि पूरे भारत वर्ष में ये विशेष हिंदू आयोजन सिर्फ भद्रकाली शक्तिपीठ में ही किया जाता है। यह कार्यक्रम युवाओं में चेतना जगाने, उन्हें अपनी सभ्यता, अपने इतिहास का परिचय करवाने के लिए किया जाता है। इस बार विक्रमी संवत 2079 मनाया जा रहा है।

    इंटरनेट मीडिया पर देख सकेंगे

    पिछली बार भी इस कार्यक्रम को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने लाइव और करोड़ों की संख्या में सोशल मीडिया पर देखा था। इसलिए इस बार श्रद्धालु इस कार्यक्रम को मंदिर पार्किंग, मंदिर तालाब, मंदिर मुख्य सड़क से देख सकेंगे। पीठाध्यक्ष ने बताया कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए रात्रि पौने आठ बजे ऊपर परिक्रमा का रास्ता 30 मिनट के लिए बंद कर दिया जाएगा।

    यह है इतिहास

    यह ऐतिहासिक मंदिर हरियाणा की एकमात्र सिद्ध शक्तिपीठ है, जहां मां भद्रकाली शक्ति रूप में विराजमान हैं। वामन पुराण व ब्रह्मपुराण आदि ग्रंथों में कुरुक्षेत्र के सदंर्भ में चार कूपों का वर्णन आता है। जिसमें चंद्र कूप, विष्णु कूप, रुद्र कूप व देवी कूप हैं। यहां देवी कूप है। श्री कृष्ण भगवान में यहां चांदी के घोड़े चढ़ाए थे। मन्दिर में घोड़े चढ़ाने की परंपरा बनी आ रही है। मां के भक्त चूने से बने घोड़े चढ़ाते हैं।