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Ratnawali Festival 2019: रत्‍नावली के मंच पर सुरों की झंकार, तस्‍वीरों में देखिए मस्‍ती की फुहार

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रत्‍नावली महोत्‍सव के तीसरे दिन एक से बढ़कर एक प्रस्‍तुतियां देखने को मिल रही है। इस दौरान युवाओं से लेकर बुजुर्ग भी थिरकते नजर आए।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 01:32 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 02:35 PM (IST)
Ratnawali Festival 2019: रत्‍नावली के मंच पर सुरों की झंकार, तस्‍वीरों में देखिए मस्‍ती की फुहार

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। रत्‍नावली महोत्‍सव पूरे शबाब पर है। मंच पर कलाकारों अपनी प्रतिभा पर चमक बिखेर रहे हैं तो पवेलियन में बैठे दर्शक भी महोत्‍सव का आनंद लेने में पीछे नहीं। युवा से लेकर बुजुर्ग तक गीत संगीत में थिरकते नजर आ रहे। हरियाणा लोक संस्कृति सराबोर रत्‍नावली महोत्‍सव हर किसी के दिल में अपनी छाप छोड़ने में जुटा है। आइए देखते हैं कुछ ऐसी ही तस्‍वीरें। 

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  • रत्नावली महोत्सव में ढोल की थाप पर नाचते युवा।

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  • हरियाणा शिल्पग्राम में हस्तनिर्मित सामान देखती छात्राएं।

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  • रत्नावली में पेंटिंग बनाते हुए कलाकार।

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  • नगाड़े के साथ सेल्फी लेते युवतियां। 

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  • शिल्पग्राम में कागज़ से बने बोहिये को दिखाता बच्चा। 

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जींद के गौतम ने बचपन में नानी को मिट्टी से चूल्हे, कोठी और कुठले तैयार करते देखा तो खेल-खेल वह भी इन्हें बनाना सीख गया। अब बड़ा होकर इन्हें आधुनिक रूप देना शुरू किया तो कद्रदान भी मिलने लगे। गौतम ने अपने घर में पुराने सामान का एक ऐसा बैंक तैयार कर लिया है, जिसे देखकर हर किसी के कदम ठहर रहे हैं। वह अपने इन्हीं आइटमों के साथ कुवि में आयोजित रत्नावली महोत्सव में पहुंचा है।

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प्रदर्शनी में स्टॉल लगाए बैठे गौतम के पास पुराने समय में अनाज रखने के लिए बनाए जाने वाले कोठी और कुठले हैं। महिलाएं इन्हीं कोठी-कुठलों में अपने अनाज से लेकर कीमती सामान को भी रखती थी। खासतौर पर कुठले को अनाज से भरने के बाद पूरी तरह से बंद कर दिया जाता था ताकि यह बीमारियों और कीट पतंगों से बचा रहा। उसके संग्रह में कई तरह के चूल्हे, पुराने समय में काम आने वाले बैंजो, टोकणी, केरोसीन से जलने वाली लालटेन, कुंडी-सोटा और ओखली-मूसल तक सजे हुए हैं। इसके अलावा कई प्रकार की टोकणी, झालरे और कांस्य के बेले भी रखे हैं।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव-2019 रविवार को छुट्टी के दिन पूरे शबाब पर नजर आया। संस्कृति के मंच पर कलाकारों ने प्रतिभा के रंग बिखेरे।

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विभिन्न जिलों से आई कॉलेजों की टीमों ने खूब तालियां बटोरी। इस दौरान हरियाणवी कोरियोग्राफी में आरकेएसडी कॉलेज को प्रथम, आर्य पीजी कॉलेज पानीपत को दूसरा, डीएवी कालेज फॉर गल्र्स यमुनानगर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

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युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो.तेजेंद्र शर्मा ने बताया कि सोलो डांस पुरुष प्रतियोगिता में आर्य पीजी कॉलेज पानीपत की टीम को प्रथम, आरकेएसडी पीजी कॉलेज कैथल को दूसरा और यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट्स (यूटीडी) कुरुक्षेत्र को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

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रागिनी प्रतियोगिता में डीएवी कॉलेज फार गल्र्स यमुनानगर की टीम प्रथम, आरकेएसडी पीजी कालेज कैथल को दूसरा, गवर्नमेंट कालेज हांसी को तीसरा, भगवान परशुराम कालेज कुरुक्षेत्र को चौथा तथा यूटीडी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को पांचवा स्थान प्राप्त हुआ। 

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ड्यूट रागिनी प्रतियोगिता में आर्य पीजी कॉलेज पानीपत को पहला स्थान, आइजी महिला महाविद्यालय कैथल को दूसरा, यूटीडी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को तीसरा, गवर्नमेंट कॉलेज हांसी को चौथा तथा एसडी पीजी कॉलेज अंबाला कैंट को पांचवां स्थान हासिल हुआ।

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हरियाणवी भजन प्रतियोगिता में भगवान परशुराम कॉलेज कुरुक्षेत्र की टीम को प्रथम, आर्य पीजी कालेज पानीपत की टीम को दूसरा, यूटीडी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की टीम को तीसरा, आरकेएसडी कॉलेज कैथल को चौथा तथा गांधी आदर्श कॉलेज समालखा व एसडी महिला महाविद्यालय नरवाना को पांचवा स्थान हासिल हुआ।

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