Save Trees: पेड़ों को बचाने का ये अंदाज है निराला, दम घुट रहे वृक्षों को दे रहा सांसे
पेड़ों को नया जीवन देने में ग्रीन अर्थ संगठन अहम भूमिका निभा रहा है। अब तक 30 से 50 वर्ष तक की आयु वाले 100 से ज्यादा हरे भरे पेड़ों को संगठन के सदस्य दोबारा जीवनदान दे चुके हैं। संगठन ने इस अभियान की शुरुआत 70 दिन पहले की थी।
कुरुक्षेत्र, [विनीश गौड़]। ग्रीन अर्थ संगठन वास्तव में अपने नाम के अनुरूप ही लोगों को हरी दुनिया की कल्पना को साकार करने का अर्थ समझा रही है। संगठन के सदस्य हर रविवार को सड़कों किनारे कंकरीटाइज वृक्षों की जड़ों को मुक्त कराकर उनकी जान बचा रहे हैं। अब तक 30 से 50 वर्ष तक की आयु वाले 100 से ज्यादा हरे भरे पेड़ों को संगठन के सदस्य दोबारा जीवनदान दे चुके हैं। संगठन ने इस अभियान की शुरुआत 70 दिन पहले की थी, ताकि उनके इस अभियान से जिला प्रशासन की नींद तो खुले ही साथ ही आम लोग भी अपने घरों व आंखों के सामने हो रहे वृक्षों पर इस अत्याचार के प्रति जागरूक हो जाएं। संगठन ने उपायुक्त को भी पत्र लिखकर सड़कों किनारे पक्का किए गए वृक्षों की जड़ों को मुक्त कराने की अपील की है।
जिम्मेदारी प्रशासन की तो है ही हम सबका दायित्व भी बनता
ग्रीन अर्थ संगठन के सदस्य एवं पर्यावरणविद् डा. नरेश भारद्वाज ने कहा कि सड़कों, पार्कों और तमाम जगहों पर वृक्षों को पक्का कर दिया गया है। कहीं पर वृक्ष के तने तक ब्लाक लगाए हैं तो कहीं पर कंकरीट की सड़क से जड़ों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे पेड़ धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है और एक दिन खुद गिर जाता है, क्योंकि जड़ों को बारिश का पानी, हवा नहीं लग पाती है। डा. नरेश ने बताया कि संगठन का जिले में यह अभियान चलाने का एक ही उद्देश्य है कि प्रशासन तो अपनी जिम्मेदारी को समझे ही साथ ही आम लोग भी अपना दायित्व निभाएं। डा. नरेश के मुताबिक सेक्टरों में ज्यादातर घरों के सामने लगे पेड़ों को पक्का किया हुआ है। अगर आम लोग भी संगठन का साथ देंगे तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह बहुत बड़ा फायदा साबित होगा।
वर्ष 2015 में उपायुक्त एनजीटी
डा. नरेश भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2015 में तत्कालीन उपायुक्त ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में एफिडेविट जमा कराकर आश्वस्त किया था कि वे जिले की हद में हर एक पेड़ की सुरक्षा करेंगे। संगठन की ओर से लगातार उपायुक्त को पत्र भेजकर संज्ञान में लाया जा रहा है कि जड़ों से पक्का होने की वजह से वृक्षों को नुकसान हो रहा है इसलिए इन्हें तने से कम से कम एक मीटर तक कच्चा रखा जाना चाहिए। अगस्त माह में भी उपायुक्त को संगठन की ओर से पत्र भेजा गया था।
100 पेड़ नहीं 10 हजार पेड़ बचाए हैं संगठन ने
डा. नरेश भारद्वाज ने कहा कि जब 100 पौधे लगाए जाते हैं तो उनमें से एक वृक्ष का रूप धारण करता है और उसे भी 20 से 30 साल लग जाते हैं। संगठन ने 100 वृक्षों को बचाकर 10 हजार पौधे बचाने का काम किया है। इतना ही नहीं इस अभियान को लेकर संगठन आगे भी काम करेगा और साथ में दूसरे सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक संगठनों से भी अपील करता है कि वे भी इस अभियान में आकर अपनी सहभागिता करें।
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