सत्संग का एक पल सभी सुखों पर भारी
जागरण संवाददाता, पानीपत : संसार के जितने भी सुख हैं, वो अगर तराजू के एक पलड़े में रखे जा
जागरण संवाददाता, पानीपत :
संसार के जितने भी सुख हैं, वो अगर तराजू के एक पलड़े में रखे जाएं और दूसरी और मात्र सत्संग का एक पल रखा जाए तो वह सब सुखों से ज्यादा है। सत्संग सभी के लिए बहुत जरूरी है। राम से बड़ा राम का नाम, बनाए सबके बिगड़े काम। प्रभु श्रीराम जी का स्मरण करने से सुख एवं शाति दौड़ती आएगी और हमारे कई जन्मों के पाप कट जाएंगे।
यह बात प्रेम मंदिर में कांता देवी महाराज ने रामकथा समापन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि सत्संग द्वारा सभी को यही उपदेश दिया जाता है कि हमें दूसरों के प्रति वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, जिससे हम अपने लिए पसन्द करते हैं। हमें किसी भी अवस्था में किसी को दुख नहीं देना चाहिए।
अशोक हरमिलापी ने कहा कि गुरूदेव भगवान की महिमा का वर्णन हम शब्दों में नहीं कर सकते। गुरुजी बड़े दयालु हैं उनका भेद हर किसी को नहीं मिलता। गीता वेदों में गुरु का यश गाया गया है। सत्संग उपरांत चौथी पातशाही प्रकाश देवी महाराज के चरणों में प्रेम मन्दिर धाम की सभी देवियों एवं अनन्य भक्तों ने अपनी अपनी और से पुष्पाजलि अर्पित की। जिसमें प्रमुख रूप से सनातन धर्म संगठन के अध्यक्ष सूरज पहलवान, सीजेएम मोहित अग्रवाल, परमवीर ढींगड़ा, सुनील मिगलानी (टोनी) जगदीश लाल ढींगड़ा, चंद्रभान वर्मा, प्रमोद खेड़ा एडवोकेट, अशोक जुनेजा, कर्मबीर राठी, डॉ. महेन्द्र शर्मा, भगत धर्मचंद, सुरेश रेवड़ी, अर्जुन दास आहुजा, हिमाशु असीजा, चरणजीत रत्रा, यशपाल अरोड़ा, सुरेश अरोड़ा, अंकुर छाबड़ा, प्रेम असीजा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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