Sanskarshala in Panipat: इंटरनेट मीडिया के फायदे और नुकसान की जानकारी जरूरी
आज हर तरफ परिवार इंटरनेट मीडिया की तरफ आकर्षित हो रहा है। नुकसान और फायदे न देखकर सिर्फ अपने बच्चों पर दबाव बनाने में लगे हैं। आइए जानते हैं एसएएसडी स्कूल पानीपत के प्रिंसिपल अजय गुप्ता से उनकी राय।
पानीपत, जागरण संवाददाता। इंटरनेट मीडिया इन्फ्लूएंसर के फायदे और नुकसान की जानकारी होने के बावजूद भी हम खुद इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने को लालायित रहते हैं। साथ ही अपने बच्चों पर सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर बनने के लिए दबाव डालते रहते हैं। हमें इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में जानकारी होना जरूरी होता है।
इस वजह से होते आकर्षित
अकसर हम इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर बच्चों की तस्वीरें और वीडियो देखते रहते हैं। इन्हीं प्यारे-प्यारे बच्चों के जरिए लोग लाखों रुपये कमा रहे हैं। ये बच्चे ‘इन्फ्लुएंसर, हैं, जो अपनी कमाई से मां-बाप की जेब भर रहे हैं। इन इन्फ्लूएंसर बेबीज की कमाई आम आदमी की महीनों की सैलरी से भी ज्यादा होती है।
ये कहानी है उदाहरण
एक महिला ने भी अपनी बेटी में ये कला तलाशने की कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रही। सविता नाम की इस महिला ने अपनी 2 साल की बेटी से जुड़ी कहानी दुनिया के साथ शेयर की। वह बताती है कि जब उन्होंने अपनी बेटी की उम्र की एक लड़की का इंस्टाग्राम पर वीडियो देखा तो वह हैरान रह गई। जिस उम्र में उनकी बेटी रंगों को ठीक से पहचान भी नहीं पाती थी, वहीं उसके हम उम्र की एक लड़की इंटरनेट मीडिया पर आसानी से ब्लाग्स बना रही थी। यह देख वह हैरान रह गई। खुद को कोसने लगी। महिला ने अपनी बेटी के साथ भी माइंड गेम खेलने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई। उनकी बेटी अनायशा ठीक से रंगों को पहचान नहीं पाई, जिससे उनका दिल टूट गया। सिर्फ सविता ही नहीं बहुत से ऐसे मां-बाप हैं जिनके बच्चे उनकी सोच के हिसाब से चल नहीं पाते हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि 10 में से 6 माता-पिता इंटरनेट मीडिया को देखकर अच्छे माता-पिता बनने का दबाव महसूस करते हैं। सविता भी उनमें से एक है। वह बताती हैं कि उन्हें यह सोच-सोच कर तनाव महसूस होने लगा कि उसे वह उपलब्धि नहीं मिल सकी जो बाकी माताओं को आसानी से मिल चुकी सब कुछ होते हुए भी वह अपने बच्चे को अच्छा अनुसार मुकाम नहीं दे सकी।
सोशल मीडिया के फायदे
इंटरनेट मीडिया की मदद से बच्चे घर बैठे दुनियाभर के लोगों से कनेक्ट हो सकते हैं। नेटवर्किंग स्किल्स बढ़ाने के लिए बच्चे नई चीजें सीखते हैं और एक दूसरे की आइडिया जानते हैं। इंटरनेट से बच्चों के कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छे होते हैं। बच्चों को मोटिवेशन मिलता है। बच्चे अपनी बात और विचारों को आसानी से व्यक्त करने में ज्ञानी बनते हैं।
इन बातों पर दें ध्यान
माता-पिता बच्चों की रूचियों, ताकतों और कमजोरियों को जानें। पता करें कि आपका बच्चा क्या महसूस करता है। छोटे बच्चों के लिए प्लेयिस्ट बनाएं, जिसका वे अपनी रुचियों के आधार पर आनंद ले सके। चाहे खिलौने हों, मेकअप हो, खेल हों या कपड़े हों, बच्चों के साथ बातचीत करना महत्वपूर्ण होता है। इंटरनेट से मेंटल हेल्थ को नुकसान हो सकता है। बच्चों के इमोशन एंड सोशल डेवलेपमेंट में देरी हो सकती है। इंटरनेट मीडिया की लत बच्चों के विकास को नुकसान पहुंचाता है।
(अजय गुप्ता, प्रधानाचार्य, एमएएसडी स्कूल, पानीपत।)
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