चावल घोटाला: जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें, स्टाक पूरा करने के लिए पानी का रचा था खेल
अंबाला में चावल घोटाला। जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें स्टाक पूरा करने के लिए पानी का रचा था खेल। दैनिक जागरण द्वारा मामले का पर्दाफाश करने के बाद पंचकूला और करनाल की टीमों ने की जांच। जीएम को देंगे रिपोर्ट।

अंबाला, जागरण संवाददाता। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के दुखेड़ी स्थित गोदाम में चावलों का स्टाक पूरा करने के मामले में पंचकूला की टीम ने अधिकारियों से पूछताछ कर रिकार्ड को भी खंगाला। जटवाड़ की जिस फैक्ट्री में भीगे चावलों की बोरियां गईं थी, वहां पर भी जांच कमेटी पहुंची। बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में पहले ही अधिकारियों ने तालमेल बिठा लिया था, ताकि बयानों में बदलाव कर मामले को रफा दफा किया जा सके।
लिखित शिकायत करने के बाद अब कंपनी के पदाधिकारियों ने क्या बयान दिए, यह स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन यह साफ है कि यहीं से ही की गई लिखित शिकायत के बाद ही इस खेल का पर्दाफाश हुआ। स्टाक को पूरा करने के लिए पानी का खेल खेला गया। अब जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट में किन तथ्यों को उजागर करेगी, यह आने वाला समय बताएगा, लेकिन चर्चाएं हैं कि कम स्टाक को कैसे पूरा किया गया, इसको लेकर भी रणनीति तैयार की गई है। जांच कमेटी महाप्रबंधक को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।उसके बाद जांच विजिलेंस से करवाई जाएगी या फिर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी, यह बाद में तय होगा।
यह है मामला
दुखेड़ी स्थित गोदाम से चावलों की बोरियां लोड होकर जटवाड़ स्थित एक कंपनी में भेजी गई थी। कंपनी के नुमाइंदे ने पर जब गाड़ी लोड करने के दौरान चावल की गीली बोरियां लोड करने पर आपत्ति जताई, जबकि इसके बावजूद इसे लोड कर दिया गया। इसी की वीडियो भी वायरल हुई, जिसमें दिखाया गया कि चावल की बोरी गीली हैं। यही नहीं चावल को जब हाथों से रगड़ा गया, तो यह टूट गए। कंपनी का कहना है कि इन चावलों से एथनाल बनाया जाता है। इसी को लेकर कंपनी की ओर से गोदाम के अधिकारी को लेटर भी लिखा गया था। मामला जब सुर्खियों में आया, तो करनाल से अधिकारी जांच करने पहुंच गए।
दूसरे राज्यों को भेजी जाती है सप्लाई
अंबाला से बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और असम चावलों की सप्लाई की जाती है। गोदाम में रखे चावलों की बोरियों को पूरा करने के लिए पानी डाल वजन बढ़ाने का खेल किया गया। इसके बावजूद कमी पूरी नहीं हुई तो कागजों में भी खेल कर रिकार्ड पूरा करने की कवायद की गई। भीगे हुए चावलों की बोरियों को फोर्टिफाइड चावल में मिक्स कर गुजरात और असम भेजा गया ताकि खराब चावल का मामला दबा दिया जाये।
जब इसकी वीडियो वायरल हुई तब अंबाला से लेकर करनाल और चंडीगढ़ तक के भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी हरकत में आ गए। आनन-फानन में जांच बिठा दी गई लेकिन गोदाम में सैंकड़ों चावलों की बोरियां कम होने की बात को छिपा लिया गया। गोदाम में बोरियों की गिनती ही नहीं की गई और न ही रिकार्ड का मिलान किया गया ताकि मामले की परतें आगे न खुल सकें।

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