रेलवे में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली खत्म करने के जिम्मेदारी विजिलेंस इंस्पेक्टर ही संदेह के घेरे में, मंडल में वापस भेजा
संदेह के घेरे में आए रेलवे के चार विजिलेंस इंस्पेक्टरों को अपने-अपने मंडलों में लौटाया। एक अंबाला मंडल दो दिल्ली और एक दानापुर मंडल का कर्मी डेपुटेशन पर विजिलेंस इंस्पेक्टर बना था। उच्च स्तरीय शिकायत होने पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए वापस लिए सिम और रिलीव किया।
अंबाला, [दीपक बहल]। भ्रष्टाचार और अवैध वसूली खत्म करने का जिम्मा संभाल रहे चार विजिलेंस के इंस्पेक्टर ही संदेह के घेरे में आ गए। ऐसे में इन चारों इंस्पेक्टरों को दिल्ली रेलवे मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से रिलीव कर सरकारी सिम वापस ले लिए हैं। इनमें अंबाला रेल मंडल का एक, दो दिल्ली और एक दानापुर (बिहार) मंडल का विजिलेंस इंस्पेक्टर (वीआइ) शामिल है।
इनमें से एक इंस्पेक्टर को हाल ही में एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था, लेकिन अब वह भी रद कर दिया गया है। इस प्रकरण में कोई भी रेल अधिकारी फिलहाल स्थिति स्पष्ट करने को तैयार नहीं है, लेकिन यह बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड स्तर तक शिकायत हुई, जिसके बाद तत्काल अफसर एक्शन मोड में नजर आए।
रेलवे में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले, ट्रेन और स्टेशन पर यात्रियों से अवैध वसूली, टेंडरों में गड़बड़ी या अन्य गैरकानूनी कार्यों पर नजर रखने के लिए रेलवे विजिलेंस का गठन किया हुआ है। जोन और रेलवे बोर्ड स्तर पर अलग-अलग इंस्पेक्टरों की तैनाती की जाती है। मंडलों से डेपुटेशन पर बेदाग कर्मचारियों और अधिकारियों को ही विजिलेंस में तैनाती की जाती है। पिछले दिनों चार वीआइ की शिकायत रेलवे बोर्ड तक पहुंची, जिसके बाद चारों पर कार्रवाई कर दी गई। दिल्ली से रिलीव होने के बाद अंबाला रेल मंडल में कर्मचारी ने ज्वाइन कर लिया है और यहां पर भी मलाइदार पदके लिए भी जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है।
डेपुटेशन पर जाते हैं कर्मी और अधिकारी
रेलवे में विजिलेंस की तैनाती के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों को लंबी औपचारिकताओं से गुजरना पड़ता है। कर्मचारियों का सर्विस रिकार्ड चेक किया जाता है और अधिकारियों को भी इस पर टिप्पणी करनी पड़ती है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल बैठता है, जो कर्मचारियों की नियुक्ति विजिलेंस में नियुक्ति को लेकर फैसला लेते हैं। चार साल के बाद कर्मचारियों की डेपुटेशन एक-एक साल कर बढ़ा दी जाती है। अंबाला रेल मंडल से जो विजिलेंस इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था, वह पिछले कई सालों से डेपुटेशन पर था। एक अधिकारी ने चारों इंस्पेक्टरों को रिलीव करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस में कार्यरत कर्मचारी या अधिकारी पर हल्का सा भी संदेह हो जाए, तो उन्हें लौटा दिया जाता है।