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निगम कमिश्‍नर पर मंत्री का कड़ा रुख, वॉट्सएप पर भेजी शिकायत, बोलीं-जवाब दो Panipat News

निगम के भ्रष्टाचार के खेल में घिरीं आयुक्त वीना हुड्डा का तबादला होना तय है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने जन प्रतिनिधियों की शिकायतों का जवाब तीन दिन में मागा है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 09:16 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 01:32 PM (IST)
निगम कमिश्‍नर पर मंत्री का कड़ा रुख, वॉट्सएप पर भेजी शिकायत, बोलीं-जवाब दो Panipat News
निगम कमिश्‍नर पर मंत्री का कड़ा रुख, वॉट्सएप पर भेजी शिकायत, बोलीं-जवाब दो Panipat News

पानीपत, जेएनएन। निगम के भ्रष्टाचार के खेल में घिरीं आयुक्त वीना हुड्डा का तबादला होना तय है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने जन प्रतिनिधियों की शिकायतों का जवाब तीन दिन में मागा है। सोमवार शाम पाच बजे तक समय दिया गया है। पानीपत के प्रभारी अजय गौड़ जन प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर किए ट्रांंसफर नोट सीएम मनोहर लाल को सौंपेंगे। निगम आयुक्त और उनकी मंडली में शामिल भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई इसी आधार पर होगी।

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स्थानीय निकाय मंत्री शनिवार को पार्षदों व विधायकों के साथ बैठक करने पहुंची थीं। पार्षदों ने निगम आयुक्त और उनकी मंडली में शामिल लेखाधिकारी केके जैन, एमई प्रदीप कल्याण और एक्सईएन उमर फारुख के खिलाफ शिकायतों का पिटारा खोल दिया। मंत्री कविता जैन ने निगम आयुक्त से दो टूक कहा.ये जो शिकायतें मेरे पास आई हैं उसे मैं वॉट्सएप पर भेज रही हूं। तीन दिन में रिपोर्ट चाहिए। आगे से इस तरह की शिकायत मेरे पास नहीं आनी चाहिए। विधायक और पार्षदों से समन्वय बना कर चलें। वार्ड में पार्षदों से पूछ कर ही जनहित में कार्य करें।

पहले कार्यकाल में लगा था भ्रटाचार का आरोप
एचसीएस अफसर पानीपत को मोटी कमाई का जरिया मानते हैं। वीना हुड्डा 2016-17 में पानीपत पोस्टिंग के दौरान भ्रष्टचार के गंभीर आरोपों से घिर गई थी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सीएम से शिकायत कर उनका यहा से चंडीगढ़ तबादला करवाया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि तीन-चार महीने पहले दूसरी बार पानीपत में बतौर निगम आयुक्त नियुक्त किए जाने पर कुछ जन प्रतिनिधियों ने सवाल भी उठाए। लेकिन उनकी बातों को इसलिए दबा दिया गया कि करोड़ों के गोलमाल के सुबूत खुदबुर्द किया जाना था। वीना हुड्डा को पहले से ये सब पता है। निगम आयुक्त की भ्रष्ट मंडली में शामिल लेखाधिकारी केके जैन पहले शिक्षा विभाग में एसओ के पद पर थो। इसके बाद रोडवेज और निगम में आ गए।

  • निगम आयुक्त पर ये आरोप
  • मंत्री की बैठक में निगम आयुक्त पर ये आरोप लगे -फ्रेंडस कालोनी के एक पार्क का टेंडर 20 लाख का होना था। टेंडर होने के बाद काम अलॉट किया गया। कार्यालय से फाइल गुम कर दोबारा 1.08 करोड़ के टेंडर लगा दिए गए। फाइल गुम करने में जेई मनोज की मुख्य भूमिका बताई जा रही है।
  • पार्क में महंगी लाइटों को लगा कर ठेकेदार से मोटा रिश्वत लिया गया। पार्क 60-62 रुपये प्रति स्क्वायर फीट वाला ग्रेनाइट लगा है। रेट से सात-आठ गुणा ज्यादा बिल पर साइन किए गए। मॉनिटरिंग नहीं की गई।
  • जेबीएम कंपनी ठीक से कार्य नहीं कर रही है। निगम के खाते से उसे करोड़ों का पेमेंट किया जा रहा है।

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