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सरकारी अस्पताल से मरीजों एनसी मेडिकल कॉलेज ले जाकर फ्री इलाज के नाम पर वसूली

पानीपत के इसराना स्थित एनसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की टीम सिविल अस्पताल के मरीजों को फ्री इलाज के नाम पर ले जाती है और वहां महंगे इलाज के नाम पर वसूली करती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 09:35 AM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 09:35 AM (IST)
सरकारी अस्पताल से मरीजों एनसी मेडिकल कॉलेज ले जाकर फ्री इलाज के नाम पर वसूली
सरकारी अस्पताल से मरीजों एनसी मेडिकल कॉलेज ले जाकर फ्री इलाज के नाम पर वसूली

जागरण संवाददाता, पानीपत : इसराना स्थित एनसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की टीम सिविल अस्पताल के मरीजों को फ्री और बेहतर इलाज का भरोसा देकर एंबुलेंस में कॉलेज ले जाती है। वहां जांच और दवा के नाम पर मरीजों से रकम की वसूली होती है। सोमवार को मिली शिकायत पर सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा ने जन सेवा दल कार्यालय के बाहर खड़ी मेडिकल कॉलेज की टीम को कड़ी फटकार लगाई। एंबुलेंस को अस्पताल परिसर से बाहर निकलवा दिया। यह काम दो महीने से चल रहा है।

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सुबह करीब साढ़े दस बजे सिविल सर्जन को सूचना मिली की एनसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और इंजीनिय¨रग कॉलेज की तीन एंबुलेंस अस्पताल गेट के पास खड़ी है। चार-पांच लोग फ्री इलाज की बात कहकर मरीजों को लेकर जा रहे हैं। जब तक सिविल सर्जन मौके पर पहुंचे दो एंबुलेंस मरीजों को लेकर जा चुकी थीं, एक वहीं मौजूद थी। एंबुलेंस के पास खड़े खुद को मेडिकल कॉलेज में फिजिशियन बताने वाले मोती राम और पीआरओ अनिल कुमार से जब पूछा गया कि मरीजों को यहां से क्यों लेकर जा रहे हो। इस पर दोनों सिविल सर्जन से उलझ गए। दोनों ने कहा कि सिविल अस्पताल में इलाज की व्यवस्था कराओ, हम मरीजों को नहीं ले जाएंगे। दोनों ने कहा कि वह मरीजों का फ्री और बेहतर इलाज करते हैं। इससे नाराज सिविल सर्जन ने दोंनों को सख्त फटकार लगाई और एंबुलेंस को तुरंत परिसर से बाहर ले जाने के निर्देश दिए।

सिविल सर्जन ने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा। भविष्य में मरीजों को ले जाते देखा गया तो कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नवीन सुनेजा और सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक जैन भी मौजूद रहे।

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मरीज बोले, हमसे ली रकम :

एनसी मेडिकल कॉलेज से करीब तीन घंटे बाद लौटकर आए मरीज रघुवीर, राजपति, सलोचना, सुमन, सुशील आदि ने बताया कि हमें फ्री इलाज का भरोसा देकर सुबह नौ बजे सिविल अस्पताल से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां टेस्ट कराने की फीस और दवा की कीमत मांगी गई। वर्जन :

मेडिकल कॉलेज में मोतीराम नाम का कोई डॉक्टर नहीं हैं। संभवतया दोनों लोग पीआरओ होंगे या फिर मार्के¨टग टीम के मेंबर। सिविल अस्पताल से मरीजों को लाना गलत है। इस संबंध में निर्देश दिए जाएंगे कि भविष्य में दोनों लोग ऐसा न करें।

डॉ. मुकेश यादव, प्राचार्य-एनसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल।


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