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    हरियाणा में किसानों पर आफत की बारिश, 6875 करोड़ का धान मंडियों में भीगा, 38.50 लाख एकड़ में फसल प्रभावित

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 10:51 AM (IST)

    हरियाणा के 16 जिलों में हुई भारी वर्षा के कारण मंडियों में रखा 374644 टन धान भीग गया जिससे लगभग 6875 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। खेतों में खड़ी बासमती धान की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है जिससे प्रति एकड़ उत्पादन में कमी आने की आशंका है। किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उन्हें सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद है।

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    Haryana Rain: हरियाणा में किसानों पर आफत की बारिश (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, पानीपत। धान पर खेतों से मंडी तक संकट है। सोमवार को 16 जिलों में वर्षा हुई कई जिलों में दो दिन से तेज हवा व वर्षा से मंडियों में किसानों का 3,74,644 टन धान भीग गया। इसकी अनुमानित कीमत 6875 करोड़ रुपये है।

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    उधर, खेतों में बासमती धान की 38.50 लाख एकड़ फसल तेज हवा और वर्षा से भीग गई। प्रति एकड़ दो से तीन क्विंटल उत्पादन कम होने की संभावना है। प्रदेश में इस बार धान का कुल रकबा 32.50 लाख हैक्टेयर था। धान को वर्षा से बचाने का दावा किया था, लेकिन धान भीगता रहा।

    सोमवार शाम करीब छह पांच बजे तक 17 जिलों की मंडियों में 15,08,310 टन पीआर धान की आवक हुई है। 11,33,666 टन की खरीद हो चुकी है। 3,74,644 टन पीआर धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। किसानों ने अपने स्तर पर तिरपाल से धान की ढेरियों को बचाने का प्रयास किया।

    दो दिन तक तेज हवाओं के साथ बारिश की आशंका है। 15 जिलों में पीआर धान की सरकारी खरीद हो रही है। चरखी-दादरी और रेवाड़ी में सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है।

    करनाल की अनाज मंडियों में 201464 एमटी धान की खरीद हुई है। और 74983 एमटी ही धान का उठान हुआ है। 191020 एमटी के करीब धान अनाज मंडियों में पड़ा है। असंध की मंडी में सबसे अधिक धान भीगा।

    किसानों को मिले मदद

    यमुनानगर के खजूरी निवासी किसान प्रताप चौहान ने कहा कि उद्योगपतियों की तरह किसानों काे भी नुकसान पर राहत पैकेज देना चाहिए। उठान धीमा होने व पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से धान की बेकदरी हो रही है। अब वर्षा ने अरमानों पर पानी फेर दिया।

    जानिये, जिलों का हाल l

    • कैथल में 1.20 लाख एकड़ में बासमती और 1121 किस्म की रोपाई की हुई। रात को तेज हवाओं के साथ कई जगह धान की फसल बिछ गई। पाई, सेरधा, भाणा, कलायत, सीवन में और जगदीशपुरा में नुकसान हुआ है।
    • यमुनानगर में एक लाख एमटी से अधिक धान भीग गया। बिलासपुर मंडी में सीवरेज लाइन ओवरफ्लो होने के कारण गेट पर एक से डेढ़ फीट पानी जमा हो गया। बिलासपुर, छछरौली व प्रतापनगर क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई।
    • जींद में तेज हवा के साथ वर्षा हुई। सबसे ज्यादा जुलाना में 25 एमएम और जींद व नरवाना में 14 एमएम वर्षा हुई। वर्षा के साथ तेज हवा चलने से धान की फसल गिर गई। उत्पादन गिरने की आशंका है।
    • पानीपत में 3818 मीट्रिक टन धान मंडियों में बिना बिके पड़ा है। हल्की वर्षा हुई। भाकियू सर छोटूराम के प्रवक्ता बहादुर मैहला का कहना है कि किसान प्रकृति और मंडियों में अव्यवस्था की मार झेल रहा है।
    • झज्जर में सवा लाख एकड़ में धान की फसल है। 30 प्रतिशत धान प्रभावित हुआ है। मंडियों में पांच हजार क्विंटल से अधिक धान व बाजरा भीग गया है। बहादुरगढ़ में 25 एमएम बारिश हुई है।
    • सिरसा में शेड के बाहर करीब पांच हजार क्विंटल धान भीग गया। 3.90 लाख एकड़ धान का रकबा है। 2 लाख 54 हजार गैर बासमती है। बारिश से साढ़े तीन लाख एकड़ फसल प्रभावित हुई है।
    • रोहतक में धान की ढेरियां भीग गईं। इन पर ना तिरपाल दिखा ना ये शेड के नीचे थी। लगभग 2000 क्विंटल से ज्यादा धान भीगा है। हिसार में रविवार सायं और सोमवार को वर्षा हुई। 8000 क्विंटल धान भीग गया।
    • अंबाला में 220 एमटी धान भीग गया। यहा 14 एमएम वर्षा हुई। तिरपाल भी धान की बोरियों को ढक नहीं पाए, जबकि इन बोरियों के आसपास पानी जमा रहा, जबकि बोरियां भी भीग गईं। मंडी में पानी भर गया।