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    हरियाणा में बारिश ने मचाई तबाही, कई जगहों पर मंडराने लगा बाढ़ का खतरा; आज इन जिलों में बरसेंगे मेघ

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 08:26 AM (IST)

    हरियाणा में मानसून ने झमाझम वर्षा के साथ प्रवेश किया है, जिससे कई जिलों में भारी बारिश हुई है। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और करनाल में विशेष रूप से तेज वर्षा हुई। सोमनदी और सरस्वती जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है और लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। वर्षा के कारण तापमान में भी गिरावट आई है।

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    हरियाणा में भारी वर्षा से शहरों में जलजमाव की समस्या।

    जागरण टीम, पानीपत/हिसार। हरियाणा में मानसून ने झमाझम वर्षा के साथ प्रवेश कर लिया है। अब मानसून तेजी से अन्य जिलों में छाएगा। आने वाले दिनों में हल्की से तेज वर्षा हो सकती है। बुधवार को 11 जिलों में वर्षा हुई। अलसुबह से ही यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल और करनाल में झमाझम वर्षा हुई। शिवालिक की पहाड़ियों में बुधवार सुबह तीन से हो रही मूसलधार वर्षा से सोमनदी, सरस्वती, मारकंडा, पथराला नदी समेत कई बरसाती नदियां उफान पर हैं।

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    सोम नदी में बहाव तीन बजे 28000 क्यूसेक पहुंच गया। इससे 20 से ज्यादा गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 15000 क्यूसेक के बाद सोम नदी खतरे के निशान को पार कर जाती है। ग्रामीणों ने पलायन शुरू कर दिया है। व्यासपुर सहित क्षेत्र में काफी स्थानों पर जलभराव हो जाने से अवागमन बंद हो गया। वर्षो बाद सरस्वती नदी भी उफान पर है।

    मोहड़ी गांव व सरस्वती आजात आश्रम के पास सरस्वती नदी ने रोद्र रूप दिखाया। भारी बारिश से गांवों से उपमंडल बिलासपुर जाने वाले सभी मार्ग बंद हो गए। कुरुक्षेत्र में 48 घंटों में 116.33 एमएम बारिश हो चुकी है। बुधवार को औसतन 59.33 एमएम और मंगलवार को 57 एमएम बारिश हुई। कालोनियों के बीच से गुजर रही सरस्वती में बहाव तेज होने से चिंता बढ़ गई है।

    प्रदेश में तेजी से बढ़ेगा मानसून

    वीरवार को भी पूरे प्रदेश में वर्षा होने की संभावना है। छह जिलों में वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में हो रही वर्षा से तापमान में भी कमी आई है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून टर्फ की उत्तरी सीमा बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर, आगरा, रामपुर, बिजनौर और करनाल से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।

    इससे बंगाल की खाड़ी की तरफ से मानसूनी हवाएं राज्य की तरफ आने तथा उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर एक साईक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से अरब सागर की तरफ से नमी वाली हवाएं आने की संभावना है। प्रदेश में 26 व 27 जून को हवाओं व गरज चमक के साथ राज्य के उत्तरी जिलों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा परन्तु पश्चिमी व दक्षिणी जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी या हल्की वर्षा की संभावना है। मानसूनी हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना से राज्य में 28 जून से एक जुलाई के दौरान ज्यादातर क्षेत्रों में हवाओं व गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

    सरस्वती नदी ने दिखाया रौद्र रूप

    व्यासपुर में सरस्वती नदी किनारे बने सरस्वती आजात आश्रम में पानी घुस जाने से संगत आश्रम में कई घंटे फंसी रही। आश्रम को जाने वाले छोटे पुल व मेन गेट पर करीब चार से पांच फीट पानी जमा होने से सुबह आश्रम में जाप में गए श्रद्धालु दोपहर 12 बजे तक आश्रम में ही फंसे रहे। इसके बाद श्रद्धालुओं को निकाला गया।

    आज इन जिलों में होगी वर्षा

    पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल व चरखी दादरी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मानसून की एंट्री करीब चार दिन पहले प्रदेश में हुई है।