यमुनानगर में महिला डॉक्टर से अभद्रता पर प्राइवेट अस्पतालों ने बंद रखी ओपीडी; दिनभर इधर से उधर घूमते रहे मरीज
हरियाणा के निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया है जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। अस्पतालों का कहना है कि सरकार की ओर से पेमेंट अटकी हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों में छापामारी शुरू कर दी है जिससे संचालकों में रोष है। यमुनानगर में छापामारी के दौरान अभद्रता का मामला सामने आया है।

जागरण टीम, पानीपत। प्रदेश के निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को सात अगस्त से इलाज देना बंद कर रखा है। इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आयुष्मान योजना के पैनल में आने वाले निजी अस्पतालों का कहना है कि सरकार की ओर से उनकी पेमेंट अटकी हुई है, इस कारण इलाज नहीं किया जा रहा है।
वहीं, निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग ने छापामारी शुरू कर दी है जिससे निजी अस्पताल संचालकों में रोष है। यमुनानगर और अंबाला में बुधवार को निजी अस्पतालों में छापामारी की गई थी। इधर बुधवार को यमुनानगर में हुई छापामारी के दौरान महिला डॉक्टर व मरीजों से अभद्रता का मामला तूल पकड़ गया है।
वीरवार को आईएमए के आह्वान पर यमुनानगर के निजी अस्पतालों में हड़ताल रही। ओपीडी में मरीजों को नहीं देखा गया। सभी डॉक्टर सुबह काली पट्टी बांधकर एसपी कमलदीप गोयल के पास पहुंचे। फिर डीसी पार्थ गुप्ता से मिले और ज्ञापन देकर छापामारी व अभद्रता करने वाली टीम पर कार्रवाई करने की मांग की।
निजी अस्पतालों में हड़ताल से मरीजों को वापस लौटना पड़ा। अंबाला के बवेजा अस्पताल में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आठ घंटे जांच की थी लेकिन इसकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है कि यहां क्या खामिंयां मिली या सब कुछ ठीक मिला। वहीं कैथल में आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों की हड़ताल से सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढु गई है।
जिले में आयुष्मान भारत योजना से 11 निजी अस्पताल जुड़े हैं। 15 करोड़ के करीब की राशि सरकार की तरफ बकाया है। योजना के तहत इलाज न होने पर हर्निया के ऑपरेशन, पीते की पथरी, घुटना बदलना, कूल्हा बदलना, रसौली सहित अन्य प्रकार के ऑपरेशन अटक गए हैं।
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