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Pollution: हरियाणा के इस शहर के लोगों की सांसों पर खतरा, AQI दिल्‍ली से ज्‍यादा

कुरुक्षेत्र की हवा जहरीली होती जा रही है। धर्मनगरी के लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स दिल्‍ली से ज्‍यादा हो गया है। एक्‍यूआई 657 तक पहुंचा। इससे लोगों की आंखों में जलन और गले में खराश हो रही है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag ShuklaPublished: Wed, 09 Nov 2022 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 09 Nov 2022 05:51 PM (IST)
एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स का लेवल खतरनाक कुरुक्षेत्र में। जागरण

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र की हवा दिल्‍ली से ज्‍यादा जहरीली हो चुकी है। कुरुक्षेत्र में बुधवार को पूरा दिन स्माग छाया रहा। एयर क्वालिटी इंडेक्स दोपहर 12 बजे 657 तक पहुंच गया और शहर की हवा सांस लेने के लायक नहीं रही। इसके चलते आंखों में जलन होने के साथ-साथ सामान्य लोगों को भी गले में खराश महसूस होती रही। वहीं स्माग ने सांस के मरीजों की तकलीफ को ज्यादा बढ़ा दिया। कई मरीजों को तो ज्यादा सांस की तकलीफ होने के चलते दाखिल करना पड़ा। वहीं एलएनजेपी अस्पताल की ओपीडी में सांस के मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़ गई।

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300 से ऊपर खतरनाक हो जाता है एक्यूआई : डा. नरेश

ग्रीन अर्थ संस्था के पदाधिकारी एवं पर्यावरणविद् डा. नरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रकृति कुछ भी अपने पास नहीं रखती। हम उसे जो देते हैं वह हमें वापस लौटा देती है। अब पिछले कुछ दिनों से हमने प्रकृति को धुआं और प्रदूषण दिया है जिसका सामना अब हमें ही करना होगा। दीपावली पर पटाखे चलाए गए, फानों में आग लगाई गई। जबकि जगह-जगह कूड़े में आग लगाकर अभी भी इस संकट को बढ़ाया जा रहा है।

ये है खतरनाक

वायु में पार्टिकुलेट मैटर 2.5-485 दर्ज किया गया, जबकि पार्टिकुलेट मैटर 657 तक दर्ज किया गया। जबकि एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ऊपर जाते ही सेंसिटिव ग्रुप यानी सांस के मरीजों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी माना जाता है, जबकि 200 से ऊपर जाते ही यह सामान्य लोगों के भी नुकसानदायी माना जाता है और 300 से ऊपर जाते ही यह खतरनाक हो जाता है। यानी जो हवा हम अभी ले रहे हैं वह हमारे शरीर के लिए नुकसानदायी है। उन्होंने बताया कि स्माग में कार्बन डाइआक्साइड, नाइट्रोक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड जैसी जहरीली गैसें मौजूद होती हैं। जिले का एक्यूआई यहां के लोगों की अनदेखी को प्रदर्शित कर रहा है। दूसरे जिलों का एक्यूआई हमसे बहुत कम है, ऐसे में इसकी तरह प्रशासन को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

20 प्रतिशत ज्यादा सांस के मरीज बढ़े ओपीडी में : डा. कृष्ण

एलएनजेपी अस्पताल के फिजिशियन डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि स्माग में कुछ गैसें मिलकर एक एसिड बनाती हैं। ओपीडी में सामान्य दिनों से 20 प्रतिशत ज्यादा सांस के मरीज पहुंच रहे हैं। सांस के मरीजों के लिए यह मौसम सबसे ज्यादा नुकसानदायी होता है। कई मरीजों को दाखिल भी किया जा रहा है, जरूरत पड़ने पर आक्सीजन भी लगानी पड़ती है। सांस के मरीज मास्क लगाकर रखें और हो सकें तो घर से बाहर जाने से परहेज करें।

आंखों के इंफेक्शन के मरीज भी बढ़े : डा. मुकेश कुमार

एलएनजेपी अस्पताल पूर्व चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मुकेश कुमार ने बताया कि यह स्माग आंखों में जलन और इंफेक्शन का सबसे बड़ा कारण बन रही है। दो पहिया वाहन पर चलने वालों को आंखों में जलन हो रही है। ओपीडी में इंफेक्शन के मरीज भी पहुंच रहे हैं। आंखों को ठंडे पानी से साफ करें और चश्मा लगाकर रखें।


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