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    पुलिस के पास गश्त के लिए नहीं साधन

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 08 Feb 2020 08:43 AM (IST)

    कस्बे सहित थाना क्षेत्र की आबादी ढाई लाख के करीब है।

    पुलिस के पास गश्त के लिए नहीं साधन

    जागरण संवाददाता, समालखा

    कस्बे सहित थाना क्षेत्र की आबादी ढाई लाख के करीब है। कस्बे की 50 हजार आबादी की सुरक्षा के लिए चौकी है, जबकि 34 गांवों की दो लाख आबादी की सुरक्षा थाने के जिम्मे है। थाने और चौकी की दोनों पीसीआर सहित चौकी प्रभारी की गाड़ियां कंडम होने से गत माह नीलामी हो चुकी है। उनकी जगह नई गाड़ियां नहीं आई है। गश्त सहित मुकदमे की तफ्तीश में परेशानी लामिजी है। केवल एक पीसीआर, एसएचओ की गाड़ी और दो राइडर बाइकों से ढाई लाख लोगों की सुरक्षा कठिन काम है।

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    उल्लेखनीय है कि 7 सालों की निर्धारित समय सीमा और तीन लाख किमी चलने के बाद थाना और चौकी के वाहन को कंडम घोषित करने का प्रावधान है। उक्त नियम के तहत की समालखा के दो पीसीआर और चौकी इंचार्ज की गाड़ी को कंडम घोषित कर रोडवेज वर्कशॉप में नीलामी की गई है। निजी वाहनों से कैसे होगी गश्त

    वाहनों के नहीं होने पुलिसकर्मियों को गश्त करने में परेशानी हो रही है। एरिया बड़ा होने से निजी वाहनों सहित पैदल गश्त करना संभव नहीं है। पुलिस को दिनरात गांवों सहित शहर में इधर-उधर भागना पड़ता है। भाड़े के वाहनों से जाने आने में फंड की समस्या होती है। केसों की तफ्तीश में निजी वाहनों से मजबूरी में जाना आना पड़ता है।

    उच्चाधिकारी को भेजी जरूरत

    डीएसपी हेड क्वार्टर सतीश वत्स ने बताया कि यह पूरे प्रदेश की समस्या है। वाहन सरकार से आना है। जिले में 9 बाइक सहित 28 वाहनों की आवश्यकता पिछले महीने ही भेज दी गई है। वाहन आते ही सभी थाना, चौकी और इंचार्ज को जरूरत के अनुसार गाड़ी दे दी जाएगी।