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    पानीपत के रिसालू गांव की बहू का कमाल, नेशनल गेम्‍स में दो पदक जीतकर लौटे तो हुआ भव्‍य स्‍वागत

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Shukla
    Updated: Sun, 16 Oct 2022 11:56 PM (IST)

    गुजरात में हुए नेशनल गेम्‍स में पानीपत की खिलाड़ी पूजा ने दो कांस्‍य पदक जीते। पूजा ने ये उपलब्धि जूडो खेल में हासिल किया। गांव पहुंचने पर रिसालू गांव की बहू का जोरदार स्‍वागत किया गया। साथ ही विजय जुलूस निकाला गया।

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    नेशनल गेम्‍स में पूजा ने दो पदक जीते। जागरण

    पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत की बहू ने देश भर में नाम कमाया। गुजरात में हुए नेशनल गेम्‍स में अपना दम दिखाते हुए अपने गांव का नाम रोशन किया। गांव पहुंचने पर जूडो खिलाड़ी पूजा का जोरदार स्‍वागत किया गया। पूजा ने नेशनल गेम्‍स में दो मेडल जीते हैं।

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    राजस्‍थान को हराकर कांस्‍य जीता

    पानीपत के रिसालू गांव की बहू पूजा ने 36वें नेशनल गेम्स में जूडो में दो पदक जीते। यह प्रतियोगिता सात से 12 अक्टूबर को गुजरात में हुई। पूजा ने 63 किलोग्राम भार वर्ग में दिल्ली की खिलाड़ी को हराकर कांस्य पदक जीता। इसके अलावा उन्होंने मैक्स इवेंट में 70 किलोग्राम भार वर्ग में राजस्थान को हराकर कांस्य पदक जीता।

    इनकम टैक्‍स विभाग में कार्यरत है पूजा

     पूजा इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत हैं। वे फिलहाल एनआइएस पटियाला में कोच दिव्या तिवारी के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रही हैं। इस उपलब्धि पर पूजा को उनके पति गुरनाम मलिक, ससुर सुखवीर मलिक, सास सावित्री देवी, जेठ अमित मलिक ,भाई विकास बजाड़ व मां कृष्णा बाजाड़ ने बधाई दी। कोच दिव्या तिवारी ने भी इस शानदार उपलब्धि पर पूजा को बधाई दी और कहा कि पूजा एक होनहार खिलाड़ी है। भविष्य में हमें पूजा से ओलंपिक मेडल की भी उम्मीद है।

    विजय जुलूस निकाला

    पूजा कुमारी जब गांव लौटी तो ग्रामीणों ने पलक पावड़े बिछाकर भव्य स्वागत किया। पूजा मलिक का 70 मोटरसाइकिल और 50 से अधिक गाड़ियों से चौटाला रोड से लेकर रिसालु और फिर 25 सेक्टर भगत सिंह एंक्लेव तक विजय जुलूस निकाला गया। गांव पहुंचने पर सभी ग्राम ग्रामवासियों ने पूजा का भव्य स्वागत किया। नोटों की माला पहनाकर हौसलाअफजाई की। 

    अब मेडल का रंग बदलना है

    पूजा ने कहा कि उसका अगला लक्ष्य भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल करना है और इसके लिए उसे जितनी भी कड़ी मेहनत करनी पड़े वो करने को तैयार हैं। नेशनल गेम्स में भी अगली बार इस मेडल का रंग बदलना है।