Updated: Tue, 29 Jul 2025 11:20 AM (IST)
पानीपत में महिला एवं बाल संरक्षण विभाग ने एक नाबालिग लड़की की सगाई रुकवाई। लड़की की दादी की अंतिम इच्छा थी कि वह अपनी परपोते को देखे इसलिए सगाई की जा रही थी। विभाग ने दोनों पक्षों से लड़की के बालिग होने तक शादी न करने का शपथ पत्र लिया। लड़की दिल्ली की रहने वाली है और उसकी बुआ ने उसकी शादी तय की थी।
जागरण संवाददाता, पानीपत। महिला एवं बाल संरक्षण एवं बाल-विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने सोमवार को जाटल रोड राधा कृष्ण मंदिर के चल रही किशोरी की सगाई को रुकवाया।
किशोरी की सगाई उसकी दादी की मर्जी से की जा रही थी। दादी बीमार है उसकी अंतिम इच्छा है कि वह परपोता को देख लें। इसलिए किशोरी की सगाई की जा रही थी। सगाई रुकवा कर दोनों पक्षों से इसके शपथ पत्र भी लिए गए हैं। जिसमें किशोरी के बालिग होने तक विवाह न करने का भरोसा दिलाया गया है।
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दिल्ली की निवासी है किशोरी
महिला एवं बाल संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि 15 साल की किशोरी दिल्ली के आजादपुर की रहने वाली है। वह दो भाई बहनों में बड़ी है। वह छठी तक पढ़ी है। दादी की उम्र लगभग 80 साल है और वह बीमार है। उसकी दादी ने अपनी जाटल रोड निवासी बेटी से पोती की शादी करवाने को कहा था।
बेटी ने अपनी 15 वर्षीय भतीजी की सनौली रोड निवासी 24 साल के सौरभ से शादी तय कर दी। अब दो दिन पहले किशोरी को दिल्ली से पानीपत भेजा था।
जाटल रोड पर राधा कृष्ण मंदिर के पास उसकी सोमवार को सगाई की जा रही थी। इसकी गुप्त सूचना उन्हें मिली। वह पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और लड़के व लड़की के जन्म प्रमाण पत्र की जांच की। इसमें लड़की नाबालिग मिली। सगाई को रुकवाया।
लड़के के स्वजन बोले- नहीं पता था लड़की नाबालिग है
लड़के के स्वजन बताया कि उन्हें नहीं पता था की लड़की नाबालिग है। अगर उन्हें पता होता तो वह सगाई नहीं करते। वह अब लड़की के बालिग होने पर ही शादी करेंगे।
बुआ ने बताया कि उसकी मां ने उस पर उसकी भतीजी की शादी करने का दबाव बनाया था। महिला एवं बाल संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने कहा कि बचपन कोई बोझ नहीं होता, जिसे जल्दबाजी में ब्याह दिया जाए।
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