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    पानीपत में खाद्य सुरक्षा विभाग का मिलावटखोरी के खिलाफ एक्शन, छापामारी अभियान तेज; दुकानदारों में हड़कंप

    By Pardeep Sharma Edited By: Suprabha Saxena
    Updated: Sun, 12 Oct 2025 11:30 AM (IST)

    त्योहारी सीजन को देखते हुए, खाद्य सुरक्षा विभाग ने पानीपत के सनौली रोड पर मावा भंडारों पर छापा मारा। टीम ने मावा और पनीर के नौ नमूने जांच के लिए भेजे हैं। मिलावटखोरी रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया है। अधिकारियों ने मिलावटी सामान बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। सैंपलों की रिपोर्ट में देरी होने से समस्या बनी रहती है, क्योंकि तब तक माल बिक चुका होता है।

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    छापामारी के दौरान जांच करते अधिकारी

    जागरण संवाददाता, पानीपत। त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटखोरी पर नकेल कसने के लिए छापामारी अभियान तेज कर दिया है। शनिवार को टीम ने सनौली रोड पर बड़ी कार्रवाई की। टीम ने देर शाम शंकर मावा भंडार, हरियाणा मावा भंडार, लक्ष्मी मावा भंडार, न्यू शिव मावा भंडार सहित पांच दुकानों पर छापामारी कर 9 सैंपल लिए हैं। ने इन जगहों से मावा व पनीर के सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि त्योहारों पर मांग बढ़ने के कारण कुछ व्यापारी अधिक मुनाफे के लिए मिलावटी मावा और नकली घी बेचने की कोशिश करते हैं। इसी को रोकने के लिए यह सघन अभियान चलाया गया है।

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    छापेमारी की जानकारी मिलते ही कई दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कुछ दुकानदार कार्रवाई के दौरान दुकानें बंद कर मौके से गायब हो गए। टीम ने मौके पर दुकानों के स्टाक की भी जांच की और मावा तैयार करने में इस्तेमाल किए जा रहे दूध और अन्य सामग्री के स्रोत के बारे में पूछताछ की।

     

    डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा कि दीपावली जैसे त्योहारों पर लोगों की सेहत के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मिलावटी सामान बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर के अन्य इलाकों में भी लगातार अभियान चलाया जाएगा ताकि कोई व्यापारी मिलावटी वस्तुएं बाजार में न बेच सके। विभाग की इस कार्रवाई से शहर के मावा और मिठाई विक्रेताओं में डर है।

    बड़ा सवाल ये है कि जिन खाद्य वस्तुओं के सैपलों की रिपोर्ट जब आती है उस समय तक सारे खाद्य पदार्थ बिक चुके होते हैं। व्यवस्था ही ऐसी है कि माल बिकने के बाद रिपोर्ट आती है। अगर रिपोर्ट में ये आता है कि माल खराब था। उस समय तक तो लोग उसे खा चुके होते हैं। यानी लोगों के स्वास्थ्य से सीधे-सीधे खिलवाड़ किया जा रहा है। दिवाली के दिनों में सैंपल भरे जाते हैं। रिपोर्ट त्योहारी सीजन बीत जाने के बाद आती है।