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    प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए घर से भागी आठवीं की छात्रा, स्कूल बैग में सामान भरकर रेलवे स्टेशन पहुंची तभी...

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 12:57 PM (IST)

    आठवीं कक्षा की एक छात्रा प्रेमानंद महाराज से मिलने की चाह में घर से भाग गई। उसने पानीपत रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ी। उसके स्कूल बैग में कपड़े मिलने से पता चलता है कि उसने घर छोड़ने की योजना बनाई थी। अधिकारियों को सूचित किया गया और लड़की की तलाश जारी है।

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    प्रेमानंद जी महाराज फाइल फोटो

    प्रदीप शर्मा, पानीपत। आध्यात्मिक लगन ऐसी लगी कि आठवीं कक्षा की एक छात्रा घरवालों को बिना बताए ही वृंदावन के लिए निकल पड़ी। उद्देश्य था संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन करना। घर पर वृंदावन जाने के लिए बनाया जा रहा प्लान सिरे नहीं चढ़ा तो बच्ची ने बैग में कपड़े डाले ओर स्कूल का नाम लेकर घर से चली गई।

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    अमृतसर में पढ़ने वाली बच्ची सीधे स्टेशन जाकर ट्रेन में सवार हो गई। साढ़े तीन बजे तक भी जब बच्ची घर नहीं पहुंची तो स्वजन को चिंता हुई। स्कूल गए तो वहां पता चला कि बच्ची आई ही नहीं।

    रिश्तेदारों तक फोन करने शुरू किए, लेकिन बच्ची का सुराग नहीं मिला। इधर रेलवे के टीटी की सतर्कता से बच्ची को कुरुक्षेत्र में पूछताछ के दौरान पकड़ा और उसे जीआरपी पानीपत को सूचना दी। पानीपत स्टेशन पर बच्ची को उतारकर उसको सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया। बच्ची की काउसिलिंग कर स्वजन के हवाले कर दिया गया है।

    प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए आठवीं की छात्रा ने छोड़ा घर, पानीपत स्टेशन से पकड़ी ट्रेन तभी...

    यह था पूरा मामला

    जानकारी के अनुसार, छात्रा सुबह स्कूल गई थी लेकिन रास्ते में ही उसने अपना प्लान बदल लिया। संत प्रेमानंद जी महाराज से मिलने का उसके घर पर पहले ही प्लान बना था, लेकिन किसी वजह से यात्रा रद्द करनी पड़ी। इससे बच्ची निराश थी। सोमवार को उसने स्कूल बैग में अपने कपड़े रखे और सीधे रेलवे स्टेशन पहुंचकर अमृतसर से चलने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस में बैठ गई।

    ट्रेन कुरुक्षेत्र के पास पहुंची तो टीटी की नजर अकेली बैठी इस नाबालिग बच्ची पर पड़ी। उसे शक हुआ कि शायद बच्ची घर से भटककर आई है या किसी परेशानी में है। टीटी ने तुरंत जीआरपी को सूचना दी।

    जीआरपी टीम ने ट्रेन की अगली स्टापेज पानीपत पर इंतजाम किया। ट्रेन के पहुंचते ही पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित उतार लिया और पूछताछ शुरू की। छात्रा ने पहले तो घबराहट में कुछ नहीं बताया, लेकिन महिला पुलिस की मौजूदगी में शांत वातावरण मिलने पर उसने पूरा वाकया समझाया। उसने बताया कि वह भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त है।

    उत्साह इतना था कि उम्र व सुरक्षा कुछ भी ध्यान नहीं रखा

    सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन केदार दत्त कौशिक के मुताबिक बच्ची को काउंसिलिंग के लिए बुलवाया गया। काउंसिलिंग में बच्ची ने साफ कहा कि वह सिर्फ आध्यात्मिक कारणों से वृंदावन जा रही थी और उसका किसी से कोई विवाद नहीं था। बच्ची के मन में यात्रा को लेकर उत्साह इतना अधिक था कि उसने उम्र और सुरक्षा का ध्यान भी नहीं रखा।

    काउंसिलिंग पूरी होने के बाद सीडब्ल्यूसी ने स्वजन को बुलाया। बच्ची के माता-पिता उसे देखकर भावुक हो गए। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्ची को परिवार के हवाले कर दिया गया। जीआरपी और सीडब्ल्यूसी की तत्परता ने बच्ची को किसी भी अनहोनी से बचा लिया।