रोक के बावजूद जमकर जले पटाखे, जहरीली हुई हवा, रहें सावधान
दीवाली में रोक के बावजूद जमकर पटाखे जलाए गए। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी इसे रोकने में नाकाम साबित हुए। हालांकि कई लोगों पर केस दर्ज किया गया। बावजूद प ...और पढ़ें

पानीपत, जेएनएन। पानीपत सहित हरियाणा के कई शहरों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था। बावजूद पटाखे खूब जलाए गए। देर रात तक हालात बिगड़ते गए। प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता गया। पानीपत सहित आसपास के जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 400 के आसपास रहा। ऐसे में आंखों में जलन और सांस लेने की समस्या रही।
प्रत्येक जिले में प्रशासन की ओर से इस बार दीवाली पर पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई हुई थी। इसके लिए बकायदा अधिकारियों की ड्यूटी भी लगी थी। पुलिस प्रशासन भी अलर्ट था। पाबंदी के बाद भी शहर में रातभर पटाखे जलाए गए। इस बार पटाखों के लिए कोई स्टाल भी नहीं लगाए हुए थे, लेकिन मेन बाजार में दुकानदारों ने जमकर पटाखे बेचे। दुकानदारों ने पटाखे छुपा कर रखे हुए थे और मांगने पर ही लोगों को दे रहे थे। दुकानदारों ने आधे स्टर बंद किए हुए थे ताकि पुलिस के आने पर दुकान को बंद किया जा सके।
कैथल में ये रहे हालात
दो दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स 285 था, लेकिन दीवाली के दिन इंडेक्स का स्तर 380 तक पहुंच गया था। हालांकि रविवार को इंडेक्स 380 से घटकर 373 तक रह गया था।
कोई बड़ी घटना नहीं हुई
कैथल में दीवाली पर कोई बड़ी आगजनी की घटना नहीं हुई। सीवन में पटाखों के कारण एक कार में आग लगी गई थी। मौके पर फायर विभाग की गाड़ी भी पहुंच गई थी, लेकिन उससे पहले गाड़ी जल चुकी थी। इसके अलावा शहर में कचरे के ढेर में दो जगह आगजनी की घटनाओं की सूचना आई थी, जहां मौके पर जाकर आग पर काबू पा लिया गया था।
पानीपत में फैक्ट्री में लगी आग
पानीपत में जाटल रोड में फैक्ट्री में दीवाली की रात आग लग गई। वहीं तहसील कैंप में पटाखों की बिक्री को लेकर काफी हंगामा हुआ। पटाखों की वजह से पानीपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 394 पहुंच गया। इसके अलावा यमुनानगर में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक रहा। पटाखा बेचने पर आठ लोगों पर केस दर्ज हुआ।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।