अब बर्निंग ट्रेनों का नहीं होगा खतरा, कहीं से धुआं उठा तो रुक जाएगी गाड़ी, जानें क्या है नई तकनीक
Railways भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रेलवे के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार की गई आधुनिक बाेगियां इस खतरे को रोकेंगी। अब किसी हिस्से से धुंआ निकलने पर ट्रेन रुक जाएगी।
अंबाला, [दीपक बहल]। अब भारतीय रेलवे में बर्निंग ट्रेनों (Burning Train) का खतरा नहीं रहेगा और रेल यात्री इससे सुरक्षित रहेंगे। अब किसी बोगी से धुंआ निकलने पर ट्रेन रुक जाएगी और यात्री सुरक्षित निकल सकेंगे। ट्रेनों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं के बाद रेलवे का फोकस आधुनिकीकरण की ओर बढ़ता जा रहा है ताकि धुआं उठते ही अलार्म बज उठे। अब यदि ट्रेन में धुंआ उठा तो ट्रेन रुक जाएगी। पिछले दिनों दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के चेयरकार कोच सी-5 में अलार्म (स्मोक डिटेक्टर) बजने के बाद ट्रेन की चेन खींच दी गई और 35 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया।
ट्रेनों में बढ़ती आग की घटनाओं से आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे रेलवे के कदम
यह कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) में वर्ष 2019 में ही तैयार हो गया था। इसे अगस्त 2020 में इसे पटरी पर उतारा गया था। इस कोच में आधुनिकीकरण तकनीक अपनाई गई थी। हालांकि अब आइसीएफ में तैयार होने वाले डिब्बों में ऐसी तकनीक अपनाई जा रही है कि धुआं उठने के बाद ट्रेन अपने आप रुक जाए।
आइसीएफ में बने आधुनिक कोच के कारण बचे थे दिल्ली-देहरादून शताब्दी ट्रेन के यात्री
पहले चरण में एसी कोच में यह सुविधा शुरू की जाएगी। ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं को लेकर रेल मंत्रालय चिंतित है। सन 2017-18 की बात करें तो तीन घटनाएं थीं, जबकि 2018-19 में बढ़कर छह हो गई। इसके बाद 2019-20 में यह आंकड़ा आठ तक पहुंच गया। एक अप्रैल 2019 से 17 फरवरी 2020 तक यह आंकड़ा आठ ही रहा। हालांकि कोरोना काल के कारण एक अप्रैल 2020 से 17 फरवरी 2021 तक घटनाओं में कमी आई, मात्र एक हादसा ही सामने आया था।
इस तरह शताब्दी के सी-5 में आग लगने के बाद हुआ बचाव
दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी के सी-5 एसी कोच में रायवाला जंक्शन से कांसरों के जंगलों से गुजरने के दौरान आग लग गई थी। गाजियाबाद आरपीएफ के हेड कांस्टेबल कुशलपाल और रवनीश सी-7 में थे। जैसे ही टॉयलेट से धुआं उठा तो सी-5 से यात्री दूसरे कोच में गए। आरपीएफ के जवान व अन्य स्टाफ सी-5 पहुंचे और तब तक ट्रेन किसी यात्री ने चेन खींचकर रोक दी थी। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि टॉयलेट में ही किसी ने जलती सिगरेट डस्टबिन में फेंक दी, जिसके बाद कोच में आग लग गई।
ट्रेनों में हुईं दुर्घटनाएं-
वर्ष हादसे
- 2017- 18
- 2018- 19
- 2019- 20
- 2020- 21
इस तरह से घटा रेलवे जोन में हादसों का ग्राफ
रेलवे जोन 2019-20 2020-21
- मध्य रेलवे- 6 - 3
- पूर्वी रेलवे- 5 - 0
- पूर्वी मध्य रेलवे - 4 - 1
- पूर्वी कोस्टल रेलवे - 2 - 1
- उत्तर मध्य रेलवे- 7 - 2
- उत्तर पूर्वी रेलवे- 0 - 0
- नार्दन फ्रंटियर रेलवे - 2 - 1
- उत्तर पश्चिम रेलवे- 3 - 0
- उत्तर रेलवे - 8 1
- दक्षिण मध्य रेलवे- 5 - 1
- दक्षिण पूर्व रेलवे- 1 - 1
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे- 0 - 0
- दक्षिण पश्चिम रेलवे- 2 - 1
- दक्षिण रेलवे - 1 - 1
- पश्चिम मध्य रेलवे- 2 - 1
- पश्चिम रेलवे- 3 - 2
- मेट्रो- 0 - 0
- कोंकण रेलवे- 1 - 1
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