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लॉकडाउन में कारोबारियों के काम आई ये रणनीति, कोरोना काल में पानीपत में नहीं बंद हुआ एक भी उद्योग

कोरोना काल में औद्योगिक नगर पानीपत के उद्योगों कोई खास असर नहीं पड़ा। 2014 के बाद जिले 12573 लघु सूक्ष्म उद्योग स्थापित हुए। दो बढ़े उद्योग लगाए गए। लॉक डाउन खत्‍म होने के बाद पानीपत के उद्योगों को ज्‍यादा काम भी मिला।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 01:35 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 01:35 PM (IST)
कोरोना काल के दौरान पानीपत के उद्योगों को ज्‍यादा प्रभाव नहीं पड़ा।

पानीपत, [महावीर गोयल]। कोरोना काल में औद्योगिक नगर पानीपत में कोई भी लघु, सूक्ष्म, मध्यम अथवा बढ़े दर्जे का उद्योग बंद नहीं हुआ। उद्योगों ने उत्पादन तो कम किया, लेकिन बंद कोई उद्योग नहीं हुआ। लाक डाउन खुलने के बाद उद्योगों को अधिक काम मिला। घरेलू मार्केट से लेकर निर्यात क्षेत्र में उद्योगों को पहले से अधिक काम मिला। लाकडाउन के दौरान उत्पादन न होने के कारण पाइप लाइन खाली हो गई लाक डाउन हटने के बाद मांग अधिक स्टाक खाली हो गए। अधिक मांग निकलने के कारण उद्योगों को उत्पादन बढ़ाना पड़ा।

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2014 के बाद 12573 लघु सूक्ष्म, मध्यम दर्जे के उद्योग स्थापित

वर्ष 2014 के बाद जिला पानीपत में 12753 लघु सूक्ष्म व मध्यम दर्जे (एमएसएमइ) उद्योग लगे। इन उद्योगों में 62559 लोगों को रोजगार मिला। लार्ज स्केल के दो उद्योग लगाए गए। इन उद्योगों में 190 लोगों को रोजगार मिला। विधानसभा सत्र के दौरान डिप्टी सीएम और उद्योग मंत्री दुष्यंत चौटाला ने उद्योगों संबंधी जानकारी मांगी थी। जिला उद्योग केंद्र ने यह रिपोर्ट दी। 2014 से पहले पानीपत में 8700 एमएसएमइ क्षेत्र में उद्योग लगे हुए थे। पांच बड़े उद्योग लगे हुए थे।

उद्योगों को लगाने के लिए सेक्टर कम पड़े

जिले में औद्योगिक विकास को देखते हुए सेक्टरों में जगह कम पड़ गई। उद्यमियों ने बाहरी क्षेत्रों में उद्योग लगे। पानीपत में चार औद्योगिक सेक्टर है। इन सेक्टरों में प्लाटों की कीमत 30 हजार रुपये प्रति मीटर से अधिक हो चुकी है। सेक्टरों में नए उद्योगों के जगह नहीं बची। 1952 में बने ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में एक-एक प्लाट के चार-चार टूकड़े करके बेचा जा चुका है। ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में भी नए उद्योगों के जगह उपलब्ध नहीं है।

20 साल से नया सेक्टर नहीं

हरियाणा चैंबर आफ कामर्स पानीपत चैप्टर के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल का कहना है कि सेक्टर नहीं कटने और बाहरी उद्योगों के नियमित न किए जाने से औद्योगिक विकास प्रभावित होगा। यहां के उद्यमी अपने बलबूते पर तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं। औद्योगिक विकास के लिए सरकार जमीन उपलब्ध करवाए। बाहरी क्षेत्रों में लगे उद्योगों को नियमित किया जाए।

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