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    निर्मला देशपांडे महिला सशक्तीकरण की अग्रणी पक्षधर थी

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 18 Oct 2017 03:01 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, पानीपत : संत विनोबा भावे की मानस पुत्री एवं पूर्व सासद स्व. निर्मला देशपाडे के

    निर्मला देशपांडे महिला सशक्तीकरण की अग्रणी पक्षधर थी

    जागरण संवाददाता, पानीपत : संत विनोबा भावे की मानस पुत्री एवं पूर्व सासद स्व. निर्मला देशपाडे के 87वें जन्म दिवस पर उनकी स्मृति में बने निर्मला देशपाडे संस्थान में वैदिक यज्ञ और सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। निर्मला को श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने उन्हें विश्व शाति, राष्ट्रीय एकता, सर्वधर्म समभाव तथा महिला सशक्तीकरण का अग्रणी पक्षधर बताया। उन्होंने संत विनोबा भावे के साथ भूदान आदोलन में लगभग 40 हजार किलोमीटर पदयात्रा की। इस दौरान विनोबा के सभी प्रवचनों को लिपिबद्ध कर 40 खंडों में भूदान गंगा की रचना। उन्होंने पड़ोसी देशों विशेष कर पाकिस्तान के लोगों के साथ मैत्री स्थापित करने के प्रयास किए। अपने जीवन काल में दो बार राज्यसभा की सदस्य मनोनीत हुई। वे पहली भारतीय महिला थी जिन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से अलंकृत किया। पाकिस्तान, चीन, रूस आदि देशों ने भी सर्वोच्च शाति पुरस्कारों से सम्मानित किया था। उनकी मृत्यु केबाद पानीपत में उनकी स्मृति में एक संग्रहालय तथा पुस्तकालय की स्थापना की गई, जहा उनके सामान पुस्तकों को दर्शनार्थ रखा गया है। वे एक उच्च कोटी की साहित्यकार तथा पत्रकार भी थी। कार्यक्रम में निर्मला देशपाडे संस्थान के निदेशक राम मोहन राय, सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र नाथ आर्य, नीरज ग्रोवर, हाली अपना स्कूल की मुख्याध्यापिका प्रिया लूथरा, माता सीता रानी सेवा संस्था की अध्यक्ष कृष्णा काता, सचिव सुनीता आनंद, दिव्या सिंह, अमनदीप कौर, सोनिया, सीमा रानी, प्रीति, सरफराज, जावेद, मनीषा उपस्थित रही।

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