Move to Jagran APP

कोरोना योद्धा बनकर डटी रहीं यमुनानगर की एएनएम सोनिया, कोविड सैंपलिंग के साथ करती रहीं जागरूक

नवरात्र शुरू हो चुके हैं। कोरोना काल में कई महिलाएं ऐसी रहीं जो कोरोना योद्धा बनकर सामने आईं। यमुनानगर की एएनएम सोनिया कोरोना योद्धा बनकर ड्यूटी में डटी रहीं। कोविड सैंपल लेने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को जागरूक भी करती रहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:21 PM (IST)
बिलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम सोनिया।

यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना से जंग में चिकित्सकों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ, आशा व एएनएम भी योद्धा बनकर खड़े रहे। कोरोना महामारी के दौरान सैंपलिंग से लेकर लोगों को जागरूक करने तक में स्टाफ अग्रणी रहा। इन्हीं में से एक बिलासपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम सोनिया है। सोनिया ने कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी दी। ड्यूटी के बाद भी एक्सट्रा कार्य किया। अपने क्षेत्र में जाकर गर्भवती महिलाओं का भी ध्यान रखा। सुबह घर से निकलती थी। शाम को वापस जाना होता था। इस दौरान बच्चों को भी उनके पति ने संभाला।

loksabha election banner

एएनएम सोनिया ने बताया कि जब कोरोना महामारी फैली। तब शुरूआत में काफी डर लगा था। जब ड्यूटी करने लगे, तो यह आदत में शुमार हो गया। जिस तरह से खुद को बचाया। इसी तरह से लोगों को भी जागरूक करने लगे। उन्हें समझाते थे कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क अनिवार्य है। हाथों को साफ करते रहे। अक्सर गांवों में लोग स्वच्छता पर अधिक ध्यान नहीं देते। इसलिए गांव में जहां भी जाते। वहां लोगों को हाथों को सैनिटाइज करने के प्रति जागरूक करते थे।

कोरोना महामारी के दौरान सैंपलिंग में ड्यूटी लगी थी। सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक सैंपलिंग करते थे। इसके बाद दूसरा काम भी देखना होता था, क्योंकि मलिकपुर बांगर का क्षेत्र भी मेरे पास था। यहां गांवों में जाकर गर्भवती महिलाओं का डाटा जुटाते थे। उनकी रिपोर्ट तैयार करते थे। गर्भवती महिलाओं को पोषण से संबंधित सभी जानकारी दी जाती थी। पहले यह कार्य ड्यूटी समय में कर लेते थे, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से एक्सट्रा कार्य करना पड़ा।

बच्चों के लिए लेना पड़ा अलग मोबाइल

सोनिया के पास दो बच्चे हैं। लॉकडाउन के दौरान बच्चों का पूरा होमवर्क मोबाइल पर ही आता था। सोनिया का मोबाइल व्यस्त रहता था। दूसरा उन्हें फोन देने में खतरा रहता था, क्योंकि सैंपलिंग में ड्यूटी रहती थी। ऐसे में मोबाइल बाहर ही रहता था। डर रहता था कि कही मोबाइल से बच्चों में संक्रमण न हो जाए। इसलिए उन्हें नया मोबाइल दिलवाया। जिससे वह होमवर्क कर सके। इस दौरान पति व परिवार का काफी सहयोग मिला। वह गर्व करते थे कि इस महामारी के समय में सोनिया कार्य कर रही है।

गर्भवती महिलाओं को किया जाता था जागरूक

कोरोना महामारी के दौरान गर्भवती महिलाओं की भी चिंता रहती थी, क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में सोनिया गांवों में जाकर गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों के खान पान के बारे में उनके परिवार के लोगों को बताती थी। जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी रही। विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहने के प्रति जागरूक किया जाता था।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


यह भी पढ़ें: बेटी पूरे कर रहे टैक्सी चालक पिता के ख्‍वाब, भाई ने दिया साथ तो कामयाबी को बढ़े हाथ

यह भी पढ़ें: पानीपत में बढ़ रहा कोरोना, बच्‍चों को इस तरह बचाएं, जानिये क्‍या है शिशु रोग विशेषज्ञ की सलाह

यह भी पढ़ें: चोट से बदली पानीपत के पहलवान की जिंदगी, खेलने का तरीका बदल बना नेशनल चैंपियन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.