चार बच्चों का मर्डर, चेहरे पर नहीं कोई शिकन; जेल में इस हाल में रह रही है साइको किलर पूनम
पानीपत में चार बच्चों की हत्या के आरोप में जेल में बंद पूनम का व्यवहार सामान्य है, जिससे जेल प्रशासन हैरान है। वह बिना किसी घबराहट के रहती है और किसी ...और पढ़ें

चार बच्चों का मर्डर, चेहरे पर न शिकन न पछतावा। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पानीपत। चार मासूमों की हत्या के जघन्य मामले में जेल भेजी गई आरोपित पूनम का व्यवहार सबको हैरान कर रहा है। महिला बैरक में रहते हुए उसके चेहरे पर न तो किसी प्रकार की घबराहट दिखती है और न ही पश्चाताप की कोई झलक।
चार बच्चों की जिंदगी छीनने के आरोप में सलाखों के पीछे गई पूनम की दिनचर्या इतनी सामान्य है कि जेल प्रशासन भी उसके मनोविज्ञान को समझने में उलझा हुआ है। सूत्रों के अनुसार जेल में दाखिल होने के बाद पहले ही दिन से पूनम ने अपने तौर-तरीकों में कोई बदलाव नहीं किया।
वह समय पर खाना खाती है, निर्धारित समय पर सोती है और बीचे समय में चुपचाप अपने बैरक में बैठी रहती है। उसके चेहरे पर न किसी घटना का बोझ नजर आता है और न ही किसी अनहोनी का डर।
जेल सूत्रों ने बताया कि पूनम न किसी से बातचीत करती है और न ही किसी के पास जाकर कुछ मांगती है।
उसकी दिनचर्या में ऐसी कोई गतिविधि नहीं दिखती, जिससे यह लगे कि वह भीतर ही भीतर टूट रही है या अपराध को लेकर ग्लानि महसूस कर रही है।
इसके उलट, उसके आत्मसंयम और चेहरे की कठोरता ने जेल स्टाफ को भी चौंका दिया है। कई अधिकारियों का कहना है कि पूनम का यह व्यवहार साइकोटिक प्रवृत्ति जैसा है, जिसमें अपराधी को अपने किए पर न शर्म होती है न डर।
स्वजन जेल में मिलने नहीं पहुंचे, पूनम को उसके हाल पर छोड़ा
सबसे चौकाने वाली बात यह है कि पूनम से मिलने के लिए अभी तक उसका कोई भी स्वजन जेल नहीं पहुंचा। कथित रूप से परिवार ने उसे उसके हाल पर छोड़ दिया है। चार मासूमों की हत्या से दहल चुके परिवार और रिश्तेदारों ने दूरी बना ली है।
पूनम की दिनचर्या और भावहीन चेहरे को देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाली जांच में उसकी मानसिक स्थिति पर विशेष अध्ययन जरूरी होगा। क्योंकि चार इतनी बड़ी हत्या करने के बाद भी बिना पछतावे के सामान्य दिनचर्या उसकी मनोदशा को किसी सीरियल साइको किलर जैसी श्रेणी में खड़ा करती है।

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