ये कैसी मां! तीन महीने की बच्ची को डस्टबिन में फेंक भाग रही थी, पकड़ी गई
बिहार की बरखना निवासी है महिला क्राइम ब्रांच को सौंपा केस। कभी रूपा तो कभी निभा बताया महिला ने अपना नाम भाषा समझने में नाकाम रही टीमें। दोनों को पंचकूला भेजा।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। तीन माह की दूधमुंही बच्ची को डस्टबिन में फेंकते हुए रेलवे पुलिस फोर्स ने एक महिला को रंगेहाथ पकड़ लिया। यह महिला कोई और नहीं, बल्कि खुद इसी बच्ची की मां निकली। महिला बच्ची को पालने में असमर्थता जारी कर रही थी। आरपीएफ ने बच्ची मिलने के बाद चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर सूचना दी। जिला बाल कल्याण समिति ने बच्ची और उसकी मां को पंचकूला बाल सदन भेजकर पूरे मामले को स्टेट क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दिया।
नहीं समझ आ रही थी महिला की भाषा
आरपीएफ से लेकर जीआरपी और चाइल्ड हेल्प लाइन से लेकर सीडब्ल्यूसी किसी भी टीम को महिला की भाषा समझ नहीं आ रही थी। बंगाली और भोजपुरी दोनों भाषाओं से मिलती जुलती कोई खिचड़ी भाषा का प्रयोग कर रही थी। यह समझ नहीं आ रहा था कि महिला कहना क्या चाह रही है। कभी रूपा तो कभी निभा महिला अपना नाम बता रही थी। महिला ने बताया कि उसके पति का नाम विनोद है। वह बिहार के बरखना की रहने वाली हैं। बताया जा रहा है कि यह एरिया बोर्डर पर लगता है, इसीलिए महिला की भाषा भोजपुरी और बंगाली लग रही थी।
भागने का किया प्रयास
पकड़े जाने के बाद भी इस महिला ने दो बार भागने का प्रयास किया जिसे चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने विफल कर दिया। इसके बाद बच्ची को मेडिकल करवाने के बाद उसे सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द किया गया लेकिन इस दौरान टीम को कड़ी मशककत करनी पड़ी क्योंकि महिला बार-बार भागने का प्रयास कर रही थी।
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