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    कितने कदम चले हैं आप, कितना घटाया वजन, बता रहे एप, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी युवाओं को खूब भा रहे

    By Umesh KdhyaniEdited By:
    Updated: Sun, 11 Jul 2021 08:47 AM (IST)

    हेल्थ और फिटनेस की जानकारी देते एप और वीडियो तो लगभग हर युवा के मोबाइल फोन में मिल जाएंगे। चैलेंज देने वाले एप को युवा खूब डाउनलोड कर रहे हैं। वीडियो वाला एप तो महिलाओं को भी खूब पसंद आ रहा है।

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    कोरोना के कारण लोगों में फिटनेस के प्रति रुझान बढ़ा है।

    पानीपत जेएनएन। कोरोना महामारी काल में योग-एक्सरसाइज, पैदल चाल, साइकिल चलाने के प्रति लोगों में रुझान बढ़ा है। कोरोना के केस जैसे ही कम होते हैं, शहर और गांव के वासी जिम, सड़कोंं और पार्कों में पसीना बहाते दिख जाएंगे। महिलाएं भी फिटनेस का खास ख्याल रख रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का भी सहारा लिया जा रहा है। इनसे पता चलता है कि कितने कदम चले और कितना वजन घटाया है।

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    टेक्नोलॉजी का दौर है। घर में रहें या पार्क और सड़कों पर टहलें, तकनीक आपके साथ-साथ चलती है। स्मार्ट फोन और इंटरनेट ने इसे और आसान बना दिया है। हेल्थ और फिटनेस की जानकारी देते एप और वीडियो तो लगभग हर युवा के मोबाइल फोन में मिल जाएंगे। चैलेंज देने वाले एप को युवा खूब डाउनलोड कर रहे हैं। इस ऐप में आपको सात माह तक रोजाना सात मिनट का ही चैलेंज दिया जाएगा। एप से जानकारी मिलती है कि किसी दिन एक्सरसाइज करना भूल गए तो समझो लाइफ का एक दिन कम कर लिया है। पूरे महीने एक्सरसाइज नहीं की तो पहले किया गया वर्कआउट शून्य माना जाता है। वीडियो वाला एप तो महिलाओं को भी खूब पसंद आ रहा है। इसमें 500 वर्कआउट वीडियो है। इसमें आप 10 मिनट से लेकर एक घंटे तक का वर्कआउट कर सकते हैं। ट्रेनर और चिकित्सकों के परामर्श को भी शामिल किया गया है।

    ये ऐप और गैजेट किए जा रहे इस्तेमाल

    प्ले स्टोर से फ्री लैटिक्स, नाइकी प्लस, डेली बर्न, डेली योगा, सेवन एप जैसे अनेक फिटनेस एप मोबाइल फोन में डाउनलोड किए जा रहे हैं। स्किपिंग रोप, स्मार्ट वाच, स्मार्ट केटलबेल, एक्सरसाइज बैंड्स, स्टेपर, पेडोमीटर, डाइट मीटर अब हर आयु वर्ग के महिला पुरुष इस्तेमाल कर रहे हैं।

    मैं खुद गैजेट्स यूज करता हूं

    डा. अमित कुमार ने कहा कि फिटनेस के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना बुरी बात नहीं है। फिटनेस एप के जरिए रूटीन को बैलेंस करना आसान हो जाता है। रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहता है। मैं भी स्मार्ट वाच पहनता हूं, जो बताती है कि मैं कितने कदम पैदल चला हूं। इतना जरूर कि एप और वीडियो में बताई गई बातों पर आंखें बंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए।

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