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    हाई शुगर में चार दिन बेहोश रहा बच्चा, नर्सिंग ऑफिसर ने गूगल से परिजनों को तलाशा; जानें क्या है मामला?

    By Jagran NewsEdited By: Rajiv Mishra
    Updated: Sat, 05 Jul 2025 10:27 PM (IST)

    अमृतसर से लापता हुआ सातवीं कक्षा का छात्र पानीपत रेलवे स्टेशन पर बेहोश मिला। अस्पताल में भर्ती होने के बाद नर्सिंग स्टाफ ने उसकी पहचान की और परिवार को सूचित किया। बच्चा शुगर का मरीज है और दो दिन तक बेहोश रहा। डॉक्टरों ने बच्चे को परिवार को सौंप दिया जिन्होंने अस्पताल स्टाफ का आभार व्यक्त किया।

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    जिला नागरिक अस्पताल में गगन को उसके चाचा शाहिल को सौंपते हुए नर्सिंग ऑफिसर। (फोटो- जागरण)

    जागरण संवाददाता, पानीपत। पांच दिन पहले अमृतसर से दो दोस्तों के साथ घर से निकला सातवीं कक्षा का छात्र स्वस्थ हो गया है। वह चार दिन पहले पानीपत रेलवे स्टेशन पर बेहोश मिला था। दो दिन तक वह बेहोश रहा। उसको होश आया तो वह घर का पता नहीं बता पा रहा था।

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    नर्सिंग आफिसर ने उसके स्कूल का नाम पूछा, फिर गूगल से उसके प्राचार्य का नंबर निकालकर उसके स्वजन को ढूंढा। शनिवार को डॉक्टरों ने पुलिस के माध्यम से बच्चे को उसके स्वजन को सौंप दिया है। स्वजन ने डॉक्टरों व नसिंग आफिसर का आभार व्यक्त किया है। बच्चा शुगर का मरीज है। शुगर के कारण वह स्टेशन पर बेहोश हो गया था।

    तरनतारण के गोकुलपुरा गांव निवासी साहिल शर्मा ने बताया कि उसके बड़ा भाई संदीप शर्मा दो बेटों व दो बेटियों का पिता है। छोटा बेटा गगन शर्मा कक्षा सातवीं का छात्र है और 12 साल का है। 30 जून को परिवार के सदस्य घूमने के लिए बाहर गए थे। गगन घर से कहीं चला गया था। वह गगन को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली व जम्मू में तलाश रहे थे लेकिन उसका पता नहीं चला। वह बेहद परेशान थे।

    शनिवार को उसका भाई संदीप अपनी पत्नी प्रवीण के साथ गगन को ढूंढने के लिए जम्मू के लिए निकला था। वह उसे दिल्ली में तलाश रहा था। शनिवार दोपहर करीबन 12 बजे पानीपत जिला नागरिक अस्पताल से नर्सिंग आफिसर पवन का उनके पास फोन आया था। उसने बताया था कि गगन पानीपत के सरकारी अस्पताल में दाखिल है। इसके बाद वह यहां आए।

    बच्चे की हालत बेहद खराब थी, बहुत मेहनत से स्वजन ने ढूंढा

    इमरजेंसी वार्ड की प्रभारी सुखदीप कौर ने बताया कि चार दिन पहले जीआरपी बच्चे को बेहोश हालत में जिला नागरिक अस्पताल में लेकर आई थी। बच्चे की शुगर बेहद हाई थी। उन्होंने इलाज किया। दो दिन तक वह अपना नाम भी नहीं बता पाया। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को भी दी थी। बच्चा अपना नाम ही बता पा रहा था इसके अलावा कुछ भी नहीं बोल रहा था।

    नर्सिंग ऑफिसर पवन ने उसके स्कूल का नाम पूछा। फिर स्कूल का नाम गूगल पर सर्च किया तो वह तरनतारन में मिला। गूगल से स्कूल के प्राचार्य का मोबाइल नंबर निकाला। प्राचार्य से उसके स्वजन का नंबर लिया और उन्हें गगन के बारे में बताया। उनकी टीम ने बच्चे के स्वजन को तलाश करने की काफी कोशिश की है। बच्चा शुगर का मरीज है। यह भी एक अनोखा ही मामला था। इसकी उम्र महज 12 साल है।