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APJ Abdul Kalam Death Anniversary: हरियाणा से खास लगाव था मिसाइल मैन डॉ कलाम का, 18 साल पहले यमुनानगर के हर्बल पार्क देख रह गए थे हैरान

APJ Abdul Kalam Death Anniversary आज मिसाइल मैन एवं पूर्व राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर एपीजे अब्‍दुल कलाम की पुण्‍य तिथि है। डॉक्‍टर कलाम का हरियाणा से गहरा नाता रहा है। यमुनानगर का हर्बल पार्क देखकर डॉक्‍टर कलाम हैरान रह गए थे। उन्‍होंने रुद्राक्ष का पौधा लगाया था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 01:15 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 01:15 PM (IST)
APJ Abdul Kalam Death Anniversary: हरियाणा से खास लगाव था मिसाइल मैन डॉ कलाम का, 18 साल पहले यमुनानगर के हर्बल पार्क देख रह गए थे हैरान
यमुनानगर में हर्बल पार्क में इसी जगह लगाया था रुद्राक्ष का पौधा।

यमुनानगर, [राजेश कुमार]। APJ Abdul Kalam Death Anniversary: मिसाइल मैन तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम का यमुनानगर से गहरा संबंध रहा है। वर्ष 2003 में उन्होंने प्रदेश के सबसे बड़े चौधरी देवी लाल हर्बल पार्क का न केवल उद्घाटन किया था, बल्कि अपने हाथों से यहां रुद्राक्ष का पौधा भी लगाया था। उनका लगाया पौधा अब 18 साल का पेड़ बन चुका है और रुद्राक्ष से लदा हुआ है।

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डा. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटे चुहड़पुर में लगाया गया रुद्राक्ष का पौधा 18 साल का हो गया है। तब लगाया गया यह पौधा अब पेड़ बन चुका है। इन दिनों यह पेड़ रुद्राक्ष के फलों से लदा है। इस पेड़ पर पहले तीन मुखी रुद्राक्ष लगे थे। परंतु अब एक मुखी रूद्राक्ष लग रहे हैं। 19 अप्रैल 2003 को डा. अब्दुल कलाम चुहड़पुर में बने 184 एकड़ में फैले चौधरी देवीलाल हर्बल पार्क में आए थे। पार्क में रुद्राक्ष का अलग ही आकर्षण है और क्षेत्र में यदि कोई सैलानी आता है तो उस पौधे को देखने की इच्छा जाहिर अवश्य करता है जो डा. कलाम द्वारा लगाया गया था।

फल फूल रहा है रुद्राक्ष का पेड़

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा रोपित किया गया रुद्राक्ष का पौधा अब पेड़ बनकर पूरी तरह से फल फूल रहा है। रुद्राक्ष के पेड़ पर सन 2009-2010 में पहली बार फल आया था। हर्बल पार्क को देख रहे कर्मचारियों ने बताया कि उम्र कम होने के कारण पहले पेड़ पर तीन मुखी रुद्राक्ष लगे थे। जैसे-जैसे इस पेड़ की उम्र बढ़ती जाएगी रुद्राक्ष भी उतने ही ज्यादा लगेंगे। हर्बल पार्क में 400 से ज्याजा किस्मों के आयुर्वेदिक जड़ी बूटी व अन्य तरह के पौधे हैं।

हर्बल पार्क में रुकना चाहते थे कलाम : जेएस सोढी

गुरु नानक खालसा कालेज से सेवानिवृत्‍त वनपस्पति विज्ञान के एचओडी डा. जेएस सोढी ने अपने हाथों से हर्बल पार्क में 400 किस्म के पौधे लगाए थे। जब कलाम आए थे तो जेएस सोढी ने ही उन्हें एक-एक पौधे के बारे में जानकारी दी थी। जेएस साेढी ने बताया कि अब्दुल कलाम पार्क में शाम को करीब छह बजे आए थे। एक घंटा रूके थे। वह पार्क में ओर समय बीताना चाहते थे परंतु उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने जंगल व अंधेरा होने की बात कहते हुए सुरक्षा कारणों से उन्हें वहां रूकने नहीं दिया था। तब कलाम ने कहा था कि साेढी इस जंगल में तुम्हे कोई खतरा नहीं है तो मुझे क्या खतरा होगा। जेएस सोढी का कहना है कि अब्दुल कलाम पक्के देशभक्त थे।

अजय चौटाला के निमंत्रण पर आए थे हर्बल पार्क

जेएस सोढी के अनुसार अब्दुल कलाम ने दिल्ली स्थित मुगल गार्डन में मेडिसन पौधों का एक छोटा सा पार्क बनाया था। तब सांसद अजय चौटाला भी पार्क के उद्घाटन अवसर पर गए थे। तब अजय चौटाला ने अब्दुल कलाम से कहा था कि हमारे हरियाणा में तो बहुत बड़ा हर्बल पार्क है। जिसमें 400 किस्म के पौधे हैं। यह सुनते ही वह बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने पार्क में आने की इच्छा जाहिर की थी।

रिर्जव रखी हुई है कुर्सी

जिस कुर्सी पर तत्कालीन राष्ट्रपति डाक्टर अब्दुल कलाम बैठे थे वह उसी दिन से विभाग द्वारा रिजर्व कर दी गई थी। जो कि आज भी हर्बल पार्क के रेस्ट हाउस भी सुरक्षित रखी हुई है। कुर्सी पर डाक्टर अब्दुल कलाम के नाम की प्लेट भी लगी हुई है। कुर्सी को उनकी याद में रखा हुआ है। इस कुर्सी पर किसी को भी बैठने की अनुमति नहीं है।

कहा था शादी के लिए नहीं मिला समय

प्रतापनगर में जनसभा को संबोधित करने के बाद डा. कलाम ने 19 अप्रैल को स्कूल के बच्चों से भी मुलाकात की थी। बच्चों के प्रिय अब्दुल कलाम ने बच्चों द्वारा पूछे गए सामूहिक प्रश्नों के उत्तर भी दिए थे। बच्चों द्वारा पूछे गए एक सवाल कि उन्होंने शादी क्यों नही की के उत्तर में डाक्टर अब्दुल कलाम ने कहा था कि उन्हें शादी के लिए समय ही नहीं मिला। यह सुनकर वहां मौजूद बच्चों व लोग ठहाके मारते हुए हंसने लगे थे।


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