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    Tokyo Paralympics: धोबी पछाड़ से पटकने वाले नवदीप के हाथ में भाला, गांव वालों को बेटे से उम्मीद

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 04 Sep 2021 03:04 PM (IST)

    हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखू के रहने वाले नवदीप से पदक की उम्‍मीद है। टोक्‍यो पैरालिंपिक में नवदीप का आज इवेंट है। जैवलिन थ्रोअर नवदीप कभी धोबी पछाड़ में माहिर थे। हालांकि बाद में जैवलिन थ्रो में नाम कमाया।

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    पानीपत के बुआना लाखू के रहने वाले नवदीप।

    पानीपत, जागरण संवाददाता। जो बालक बड़े पहलवानों को धोबी पछाड़ कर पटक दिया करता, उसने हाथों में भाला थाम लिया है। पीठ में दर्द के कारण कुश्ती को छोड़ना पड़ा लेकिन खेल से मोह नहीं छूटा। भाला फेंकने लगा तो वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लिया। ये हैं बुआना लाखू के बीस वर्षीय नवदीप। टोक्यो पैरालिंपिक में आज उनका मुकाबला है। शाम चार बजे प्रतियोगिता शुरू होगी। पूरे गांव से लेकर देश की नजर उन पर हैं। पानीपत के ही नीरज चोपड़ा की तरह उनसे पदक जीतने की उम्मीद की जा रही है।

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    एलआइसी पर लोन लेकर भाला खरीदा

    नवदीप के पिता दलबीर ने बताया कि उन्होंने बेटे को हमेशा आगे बढ़ाया। एक दिन बेटे ने कहा कि उसे 85 हजार वाली जैवलिन चाहिए। तब उन्होंने अपनी, पत्नी और बड़े बेटे की एलआइसी पर लोन लिया। बेटे नवदीप को इसके बारे में नहीं बताया। इंदौर से जैवलिन लेकर उसे दी। इसी तरह एक जैवलिन 65 हजार रुपये की मेरठ से दिलाई। बेटे ने भी कभी निराश नहीं किया। अभ्यास कभी नहीं छोड़ा। जिस भी प्रतियोगिता में गया, वहां से मेडल जीतकर आया।

    पिता खेलते थे कुश्ती

    पिता दलबीर खुद कुश्ती के खिलाड़ी रहे। सिविल सर्विस की तरफ से उन्होंने राष्ट्रीयस्तर पर खेल में भाग लिया। आगे नहीं बढ़ सके तो बच्चों को खेल में आगे निकालने की ठानी। बड़ा बेटा मंदीप रेलवे में नौकरी करता है। छोटा बेटा नवदीप भाला फेंक स्पर्धाओं में भाग लेता है।

    राष्‍ट्रपति ने किया था सम्‍मानित

    पैरा नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीते। 2012 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी सम्मानित किया। कमर में दर्द हुआ तो कुश्ती छोड़ जैवलिन का अभ्यास शुरू किया।

    नवदीप की उपलब्धि

    1- दुबई में विश्व जूनियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता

    2- पैरा नेशनल चैंपियनशिप में चार स्वर्ण पदक जीते

    3- स्वीटजरलैंड में हुई पैरा विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।