अजीब मुश्किल में फंसा यह शख्स, जीवित है लेकिन अफसर कहते हैं सुबूत लाओ
पानीपत के एक गांव के 70 साल के चिमनलाल अजीब मुश्किल में फंस गए हैं। वह जीवित हैं, लेकिन अफसर यह मानने को तैयार नहीं हैं। वह उससे कहते हैं कि जिंदा हो तो इसके सुबूम लाओ।
पानीपत, [सुनील मराठा]। थिराना गांव के 70 साल के चिमनलाल अजीब मुसीबत में फंस गए हैं। चिमनलाल जिंदा हैं, लेकिन सरकारी अफसर यह मानने को तैयार नहीं है। चिमनलाल के अनुसार समाज कल्याण विभाग के अधिकारी उससे कहते हैं कि आप हमारे रिकार्ड में 26 जून को मर चुके हो, जिंदा हो तो इसके सुबूत लेकर आओ। उनकी समझ में नहीं आता है कि अपने जिंदा होने का अब क्या सुबूत दें।
अफसर कहते हैं- आप तो 26 जून को मर चुके हो, जिंदा होने के सुबूत लाओ
विभाग ने 70 वर्षीय चिमन लाल पुत्र श्याम दास को रिकॉर्ड में मृत दिखा कर बुढ़ापा पेंशन बंद कर दी है। पेंशन बंद होने के बाद घर का गुजारा मुश्किल हो चला है। अब वह खुद को जिंदा साबित करने की फरियाद लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन अफसर उन्हें जिंदा मानने को तैयार नहीं हैं।
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चिमन लाल ने बताया कि गत 19 जून को बैंक खाते में जून माह की पेंशन आई थी। 21 जून को उसने निकलवा ली। जुलाई माह में पेंशन निकलवाने के लिए बैंक गया तो बैंक कर्मियों ने बताया कि इस बार पेंशन नहीं आई है। जिला समाज कल्याण विभाग में जाकर पूछताछ करो।
समाज कल्याण विभाग ने चिमन लाल को मृत घोषित कर पेंशन बंद की
चिमन लाल ने बताया कि जब वह 19 जुलाई को पानीपत गया तो अधिकारियों ने कंप्यूटर में डिटेल देखकर बताया कि वह रिकॉर्ड में 26 जून को मर चुके हैं। इस कारण पेंशन बंद कर दी गई है। चिमन लाल ने गांव के सरपंच से लिखवाकर अपने जिंदा होने के सुबूत विभाग में पिछले महीने जमा करा दिए थे, लेकिन अभी तक उसकी पेंशन चालू नहीं की गई।
रिकार्ड जिसमें चिमनलाल को मृत दिखाया गया है।
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कैंसर पीडि़त पत्नी के इलाज में चढ़ा कर्ज
चिमन लाल ने बताया कि उसकी पत्नी कौशल्या देवी कैंसर से पीडि़त है। आठ साल से रोहतक पीजीआइ में इलाज चल रहा है। उसके इलाज पर प्रति माह तीन-चार हजार रुपये खर्च होते हैं। उम्र अधिक होने से अब उससे मजदूरी भी होती। घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। कर्ज लेना पड़ रहा है।
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समाज कल्याण अधिकारी बोले, दोबारा जांच कराएंगे
समाज कल्याण अधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास बैंक की तरफ से चिमन लाल के मृत होने की सूचना मेल से आई थी। इसके आधार पर पेंशन बंद कर दी गई थी। दोबारा से जांच कराने के बाद ही पेंशन चालू करेंगे।