इब्राहिम लोधी का मकबरा, यहां इतिहास की छांव में मिलेगा सुकून Panipat News
आप इतिहास में रुचि रखते हैं और कोई ऐसी जगह तलाश रहे हैं जहां कुछ देर सुकून से बिता सकें तो इब्राहिम लोधी मकबरा पार्क में आइए। परिवार संग पिकनिक मनाई जा सकती है।
पानीपत, जेएनएन। आप इतिहास में रुचि रखते हैं और कोई ऐसी जगह तलाश रहे हैं जहां कुछ देर सुकून से बिता सकें, तो इब्राहिम लोधी मकबरा पार्क में आइए। परिवार संग पिकनिक मनाई जा सकती है। यहां ¨चतन-मनन-ध्यान कीजिए। भरपूर हरियाली भी है। हाल ही में सैकड़ों पौधे रोपे गए हैं।
बस अड्डे से सिर्फ 500 मीटर दूर (लघु सचिवालय के सामने वाली सड़क पर) है। 21 अप्रैल 1526 को मुगल सम्राट बाबर और इब्राहिम लोधी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई थी। इसमें इब्राहिम लोधी पराजित हुआ और मारा गया। लाखौरी ईंटों से निर्मित कब्र एक ऊंचे आयताकार मंच पर है। ब्रिटिश सरकार ने 1866 में इस मकबरे का पुनरुद्धार कराया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 1919 में इस मकबरे को संरक्षित घोषित कर दिया था। पार्क की देखरेख नगर निगम के जिम्मे है।
पार्क की खासियत यहां की हरियाली। निश्शुल्क शौचालय की सुविधा है। दो पक्के हट हैं। इनकी छांव में परिवार अपने विवाद हल करते हैं। सुबह-शाम देश-विदेश की राजनीति पर भी चर्चा होती है। कई छात्र यहां पढ़ाई करते दिख जाएंगे। करीब एक किमी. दूर सलारजंग गेट है, यहां स्ट्रीट फूड का स्वाद ले सकते हैं। इतनी ही दूरी पर पीवीआर मॉल है। सुबह-शाम टहलने के लिए, जॉगिंग-योग के लिए भी शहरवासी इस पार्क में पहुंच सकते हैं।
क्लर्क परीक्षा दिलाने भाई को लेकर आया था। इब्राहिम लोधी के मकबरे के विषय में सुना था तो इसे देखने आ गया। हरियाली के बीच सुकून तो मिलता है, मकबरा खंडहर बनता जा रहा है। पुरातत्व विभाग को ध्यान देना चाहिए।
सुशील कुमार, नरवाना।
हरियाणा सिविल सर्विस की को¨चग ले रहा हूं। मकबरा देखने विशेष रूप से पहुंचा हूं। जीटी रोड से सटे इस पार्क में करीब एक घंटे से बैठा हूं, बड़ा सुकून मिला। इतिहास को भी नजदीक से देख लिया।
शाहिद, करनाल।
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