निजी स्कूलों में मेजर ध्यानचंद को किया याद
निजी स्कूलों में हॉकी के जादूगर 'मेजर ध्यान चंद' की जयंती खेल दिवस के रूप में मनाई गई। प्रबंधक, प्राचार्य और शिक्षकों ने मेजर के जीवन पर प्रकाश डाला। उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, समालखा : निजी स्कूलों में हॉकी के जादूगर 'मेजर ध्यान चंद' की जयंती खेल दिवस के रूप में मनाई गई। प्रबंधक, प्राचार्य और शिक्षकों ने मेजर के जीवन पर प्रकाश डाला। उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
बच्चों ने कविताओं, भाषण और गीतों के माध्यम से भी मेजर ध्यानचंद को याद किया।
चंदन बाल विकास स्कूल
आट्टा और समालखा स्थित इन स्कूलों में मेजर ध्यानचंद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने हॉकी का एक मैच भी खेला। योगासन का भी प्रदर्शन किया गया। प्रबंधक नरेश गाहल्याण ने कहा कि मेजर ध्यानचंद के कारण ही खेल की दुनिया में भारत की पहचान बनी। उन्होंने बर्लिन ओलंपिक में सबसे पहले भारत को हॉकी में सोना दिलाया।
अपोलो स्कूल, पंट्टीकल्याणा
अपोलो स्कूल पट्टीकल्याणा में भी मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर याद किया गया। प्रधानाचार्य रजनी शर्मा ने कहा कि देश क लिए मेडल जीतकर लाना भी देशभक्ति है। ध्यानचंद ने कई बार देश के लिए सोना जीता। हिटलर के प्रलोभन के बाद भी दूसरे देश में अधिकारी की नौकरी को ठुकरा दिया। इस अवसर पर संजीव त्यागी, रविदत्त शर्मा, अलका टंडन, अमित शर्मा, अमित मौजूद थे।
गांधी आश्रम, पंट्टीकल्याणा
गांधी आश्रम के स्कूल में प्राचार्य अनिल शर्मा की देखरेख में ध्यानचंद की जयंती मनाई गई। शिक्षिका, अनीता, राखी और शिक्षक विजय की देखरेख में बच्चों ने शतरंज में अपना जौहर दिखाया।
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