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    लॉन्‍ग लाची फेम मन्‍नत नूर का इंटरव्यू- MeToo पर ये दिया जवाब

    By Ravi DhawanEdited By:
    Updated: Mon, 15 Oct 2018 10:46 PM (IST)

    मन्‍नत नूर ने 12वीं की पढ़ाई के बाद पंजाब का रुख कर लिया। अपनी बहन के पास रहती और अभ्‍यास करती। एक बड़ी सफलता चाहिए थी। लॉन्‍ग लाची गीत ने ये ख्‍वाहिश पूरी कर दी।

    लॉन्‍ग लाची फेम मन्‍नत नूर का इंटरव्यू- MeToo पर ये दिया जवाब

    जागरण संवाददाता, पानीपत  -  लॉन्‍ग लाची फेम मन्‍नत नूर अब पहचान की मोहताज नहीं रहीं। दुनियाभर में मशहूर हुईं मन्‍नत दैनिक जागरण के डांडिया रास नाइट में पहुंचीं। यहां हजारों लोगों को अपने गीतों पर नचाया। इससे पहले दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में उन्‍होंने अपने शुरुआती दिनों के संघर्ष, स्‍कूल के दिनों की  यादों को साझा किया। इसके साथ ही मी टू पर भी जवाब दिया। पढि़ए उनका इंटरव्यू।

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    जागरण : आपका असली नाम क्या है ?
    मेरा नाम केलमाश है। मन्नत नूर तो मैंने खुद रखा है। दरअसल, पंजाबी गीत इंडस्‍ट्री में आने से पहले कुछ नए नामों के बारे में सोचा गया। इस तरह मन्‍नत नूर का नाम अब आपके सामने है।

    जागरण : आपका कोई निक नेम भी है ?
    जी हां, घर-परिवार के लोग मुझे कोमल नाम से पुकारते हैं।

    जागरण : इंटरनेट पर आपका धर्म मुस्लिम दिखाया गया है, इस पर क्‍या कहेंगी
    बिल्कुल गलत है, मैं हिंदू हूं और राजपूत परिवार से ताल्लुक रखती हूं।किसी ने गलत नाम डाल दिया।

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    जागरण : इंटरनेट पर आपकी बायोग्राफी में परिवार का जिक्र नहीं है, क्यों ?
    मेरी मां का नाम गुर्रा देवी, पिता तेजाराम है। एक भाई और बहन भी है। दरअसल, मैंने अपना प्रोफाइल नहीं बनाया। किसी ने सोशल मीडिया पर ही अधूरी सूचनाएं लगाई हैं।

    जागरण : मूल रूप से आप कहां की निवासी हैं ?
    मैं जम्मू के जिला रियासी के गांव जुड्डा की निवासी हूं।

    जागरण : गाने का शौक कब चढ़ा, और करियर बनाने की कब सोची ?
    गांव डुग्गा स्थित सरकारी स्कूल में पहली बार गाने पर वाहवाही मिली। 12वीं के बाद बहन के पास रहने मोहली चली आई।

    जागरण : जम्मू से पंजाब का सफर और भाषा पर पकड़ कैसे बनी ?
    मेरी बड़ी बहन मोहाली में रहती है। हर साल छुट्टियां बिताने पंजाब आती रही। यहां पंजाबियों के साथ रहती। धीरे-धीरे पंजाबी सीख गई।

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    जागरण : पहली सफलता कैसे मिली ?
    मैं मोहाली आई हुई थी। सभी मेरे गीतों की तारीफ करते थे। तब मैंने निर्देशक गुरमीत जी को फोन किया और उनसे मिलने पहुंचीं। वहां पर पवित्र जी मिले। सभी को मेरी आवाज बहुत पसंद आई। सारी  रात नचना मेरा पहला गीत था।

    जागरण : मी-टू अभियान पर आपकी क्या राय है?
    अभियान के बारे में ज्यादा नहीं जानती, कुछ कहना भी नहीं चाहती। हां, अगर मेरे साथ कुछ ऐसा हो नहीं सकता, यह यकीन के साथ कह सकती हूं। क्‍योंकि मैं तुरंत जवाब देना जानती हूं।

    जागरण : आपका फेवरेट हीरो-हिरोइन कौन है ?
    अजय देवगन और अर्जुन रामपाल बॉलीवुड में मेरे फेवरेट हैं। दिलजीत बहुत पसंद।

    जागरण : आपकी फेवरेट हीरोइन कौन है ?
    यूं तो सभी अपनी जगह ठीक हैं लेकिन मैं नीरू बाजवा की मुरीद हूं।

    जागरण : शादी के लिए माता-पिता का कितना दबाव है?
    मां-बाप चाहते हैं कि मैं अब शादी कर लूं, लेकिन मुझे करियर बनाना है।

    जागरण : इस रुपहली दुनिया में शोषण की खूब चर्चा होती है?
    मेरे साथ अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ, ऐसा कुछ हुआ तो जवाब दूंगी।

    जागरण : बॉलीवुड की फिल्मों के लिए गाने क्यों नहीं गातीं?
    कुछ गाने रिकॉर्ड हुए हैं। फिल्में कब रिलीज होंगी, कह नहीं सकती।

    जागरण : डांडिया महोत्सव के लिए कुछ संदेश ?
    दैनिक जागरण का प्रयास बहुत अच्छा है। ऐसे कल्चरल प्रोग्राम होने चाहिए।