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Lok Sabha Election 2024: किस्सा उस वक्त का... खुद जीप चलाकर चुनाव प्रचार करते चौ. बंसीलाल, चौपाल से ही मांगते थे वोट

हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी बंसीलाल के किस्से अभी भी याद किए जाते हैं। वे प्रदेश एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं जो चुनाव प्रचार के लिए स्वयं खुली जीप चलाकर पहुंचते थे। उनका चुनाव प्रचार का तरीका सबसे अलग था। वे कभी भी किसी के घर जाकर वोट नहीं मांगते थे। आइए जानते हैं पू्र्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

By Gurpreet Cheema Edited By: Gurpreet Cheema Published: Mon, 11 Mar 2024 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2024 07:09 PM (IST)
खुद जीप चलाकर चुनाव प्रचार करते थे चौधरी बंसीलाल

बलवान शर्मा, नारनौल। चार बार प्रदेश की कमान संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल का चुनाव प्रचार करने का तरीका कुछ जुदा था। वह खुद चलाकर खुली जीप में चुनाव प्रचार करते थे। वह चुनाव प्रचार के दौरान गांव की चौपाल पर ही वोट मांगते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में शायद ही किसी के घर जाकर वोट मांगे हों।

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भिवानी में वकालत करते हुए किसान नेता बने बंसीलाल ने कांग्रेस की कई स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया था और 31 मई 1968 को वह 41 वर्ष की आयु में सबसे कम उम्र के राज्य के मुख्यमंत्री बने। उस समय किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि वह देश के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक बनकर उभरेंगे। देश के राजनीतिक मानचित्र पर उन्होंने इतना ज्यादा प्रभाव डाला कि वह केंद्रीय रक्षा और रेल मंत्री भी बने।

चार बार संभाली हरियाणा की कमान

राजनीति में उन्होंने उतार-चढ़ाव तो जरूर झेला लेकिन हरियाणा की राजनीति से कभी बाहर नहीं हुए। बंसीलाल साल 1968, 1972, 1986 और 1996 में चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। वह भगवत दयाल शर्मा एवं राव बीरेंद्र सिंह के बाद हरियाणा के तीसरे मुख्यमंत्री थे। वह 31 मई 1968 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और उस पद पर 13 मार्च 1972 तक बने रहे। 14 मार्च 1972 को उन्होंने दूसरी बार प्रदेश की कमान संभाली और 30 नवंबर 1975 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।

उन्हें 5 जून 1986 से 19 जून 1987 तक तीसरी बार और 11 मई 1996 से 23 जुलाई 1999 तक चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। 1966 में हरियाणा के गठन के बाद राज्य का अधिकांश औद्योगिक और कृषि विकास, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे का निर्माण उनकी अगुआई के कारण ही हुआ। वह 1967, 1968, 1972, 1986, 1991 और 2000 में सात बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।

एक-एक गांव तक पहुंचाई सुविधाएं

साठ के दशक के अंत में और सत्तर के दशक में मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनको हरियाणा में सभी गांवों में बिजली, सड़क और पानी पहुंचाने का श्रेय जाता है। वह राज्य में राजमार्ग पर्यटन के अग्रदूत माने जाते थे। वह हमेशा वास्तविकता के करीब थे और समुदाय के उत्थान में उन्होंने गहरी दिलचस्पी ली। वह 1957 से 1958 तक बार एसोसिएशन, भिवानी के अध्यक्ष रहे। जन्म भिवानी जिले में तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था।


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