DGP बेटी ने पूरा किया पिता का अधूरा ख्वाब, South Asian Games में किया जीते पदक Panipat News
पानीपत के कुराना गांव के रहने वाले अशोक गर्ग उत्तराखंड में डीजीपी लॉ एंड आर्डर हैं। उनकी बेटी कुहू गर्ग ने दक्षिण एशियाई खेलों में दो पदक जीते।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। उत्तराखंड के डीजीपी लॉ एंड आर्डर कुराना गांव के अशोक कुमार गर्ग की बेटी कुहू गर्ग ने काठमांडू में आयोजित 13वें दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) में बैडमिंटन में दो पदक जीते। कुहू ने डबल्स स्पर्धा में अनुष्का पारिक के साथ स्वर्ण और सिंगल इवेंट में कांस्य पदक जीता।
देहरादून में रहने वाले डीजीपी अशोक कुमार ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में बताया कि उन्हें भी बचपन से ही बैडमिंटन खेलने का शौक था। मगर गांव में मैदान नहीं था। घर पर अभ्यास करके राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में खेला। गांव से दसवीं पास की और दिल्ली सहित कई शहरों में शिक्षा हासिल कर आइपीएस बना।
बेटी को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने की ठानी
पुलिस गेम्स में बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक नहीं जीत पाने की टीस थी। ऐसे में निश्चय कर लिया था कि बेटी को अंतरराष्ट्रीय शटलर बनाऊंगा। नौ साल की आयु में बेटी कुहू को देहरादून में बैडमिंटन की कोचिंग दिलाई। इसके बाद बेटी को हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन एकेडमी में भेज दिया। अब बेटी ने दो पदक जीतकर उनके सपने को पूरा कर दिया है।
कुराना और पानीपत में मना जश्न, खिलाडिय़ों का है परिवार
कुहू की जीत से उनके पैतृक गांव कुराना में चाचा नुकुल और पानीपत के किशनपुरा में ताऊ सुभाष चंद्र गर्ग व सेक्टर-18 में नरेंद्र चंद्र गर्ग ने लड्डू बांटकर खुशी जताई। कुहू का परिवार खिलाडिय़ों का है। पिता बैटमिंटन के नेशनल चैंपियन हैं और छोटा भाई शाश्वत टेनिस का स्टेट चैंपियन है। मां अलकनंदा अशोक देहरादून में वूमन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की निदेशक हैं। वे भी बैडमिंटन की खिलाड़ी रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीते पांच स्वर्ण पदक
कुहू विश्व चैंपियनशिप और एशियन बैडमिंटन प्रतियोगिता सहित 50 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर आठ और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पांच स्वर्ण और तीन रजत पदक जीते हैं। स्वजनों का कहना है कि कुहू का लक्ष्य ओलंपिक में पदक जीतना है। इसके लिए वह हर रोज आठ घंटे अभ्यास करती हैं।