देश के सबसे बडे संत समागम में हैरान कर देने वाले सेवादार
संत निरंकारी मिशन के 68 देशों में अनुयायी हैं। पानीपत में हो रहे समागम में देश के अलग-अगल राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आए हैं। हर किसी का ...और पढ़ें

पानीपत, जेएनएन। निरंकारी संत समागम सर्वधर्म संभाव की मिसाल है। इसमें हर संप्रदाय के लोग शामिल हैं। हर व्यक्ति के लिए संत और महापुरुष का प्रयोग किया जाता है। यही कारण है कि संत निरंकारी मिशन के 68 देशों में उनके सेवादार हैं। ये सेवादार कोई साधारण नहीं, बल्कि हर किसी का अपना रुतबा है। कोई बड़ा बिजनेस मैन है तो कोई इंजीनियर। किसी की उम्र 25 साल है तो किसी की 55। इस समागम में हर उम्र के सेवादार देखने को मिल रहे हैं। जानने के लिए पढ़ें दैनिक जागरण की ये खबर।
निरंकारी मंडल के प्रेस व पब्लिसिटी विभाग के मेंबर इंचार्ज कृपा सागर ने बताया कि इंसान में निरंकार का अस्तित्व देखना ही उनके मिशन का उद्देश्य है। 200 से बढ़कर अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच चुकी है। दिल्ली में 400 एकड़ जमीन के छोटी पड़ जाने से भोड़वाल माजरी में 600 एकड़ जमीन में समागम करना पड़ रहा है। यह मिशन की लोकप्रियता का ही नमूना है।
चार जोन में पंडाल को बांटा
समागम परिसर में लगे विभिन्न राज्यों के पंडाल को चार जोन में बांटा गया है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोन वाइज ही लंगर, पानी और शौचालयों की व्यवस्था की गई है। पंडाल और जोन की देखरेख के लिए गाइड लगाए गए हैं। जांच के बाद ही लोगों को टेंट में जगह मिलती है। सुबह 8 से रात 2 बजे तक लंगर की व्यवस्था है।
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सुरभि।
समागम के लिए बेंगलुरु से आई ये इंजीनियर
बेंगलुरु में आइटी कंपनी में डाटा साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत सुरभि ने बताया कि पापा दूर होने की वजह से संत समागम में आने से रोक रहे थे। मम्मा को मनाया और ट्यूशन के लिए दिल्ली जाने के बहाने समागम में सेवा देने भोड़वाल माजरी आ गई। सेवा से सुख और आनंद की अनुभूति होती है। 2015 में एक सहपाठी के कहने पर संत निरंकारी मिशन से जुड़ गई। कंपनी से अवकाश लेकर प्रत्येक वर्ष दिल्ली में लगने वाले समागम में आने लगी। उसे पता चला कि पानीपत से 25 किलोमीटर दूर भोड़वाल माजरी में 24-26 नवंबर तक समागम हो रहा है। सुरभि ने पहले पापा को मनाने की कोशिश की। वह नहीं माने। फिर मम्मी को राजी कर लिया। पापा को बिना बताए दिल्ली आई। निरंकारी सेवादारों के साथ 22 नवंबर को समागम सथल पर पहुंची।
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विदेश से अाई डॉक्टर की टीम।
विदेशों से भी आए श्रद्धालु
चिकित्सा व अन्य पेशे से जुड़े विदेशी श्रद्धालु भी समागम में भाग लेने पहुंचे हैं। उन्हें दिल्ली की निरंकारी कॉलोनी में ठहराया गया है। दोपहर में माता का प्रवचन शुरू होने से पहले उन्हें वाहन में लाया जाता है और रात 8 बजे के बाद दिल्ली छोड़ दिया जाता है।
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माता सुदीक्षा को प्रणाम करती रोहिणी से आई सेवादार अभिरुचि।
सेवादार तत्परता के साथ कार्य में लगे
समागम में लाखों लोगों के होने के बावजूद भी सड़कों पर कहीं गंदगी दिखाई नहीं देती है। गेट व सड़कों को सजाना, संवारने का काम चल रहा है। वाहनों की आवाजाही से बने गड्ढों को भरने का काम जारी है। कहीं कूड़ा दिखाई देने पर सेवादार तुरंत उसे रोड किनारे बने डस्टबिन में डाल देते हैं।
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समागम में पहुंचे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह।
पूर्व सीएम भी पहुंचे निरंकार समागम
वर्तमान सीएम के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, पूर्व एमएलए धर्म सिंह छौक्कर आदि कांग्रेसी नेताओं ने भी निरंकारी समागम में पहुंचकर माता सुदीक्षा के दर्शन किये। उनके प्रवचन सुने। आधा घंटे रूकने के बाद उनका आशीर्वाद लेकर वहां से प्रस्थान किया। निरंकारी मंडल की ओर से उनका स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में निरंकार का तलाश करना एक कठिन कार्य है, जो निरंकारी मंडल द्वारा किया जा रहा है।

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