जानें क्या है मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना, क्यों हरियाणा के किसान नहीं दिखा रहे रुचि
मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के प्रति किसान जागरूक नहीं हैं। हरियाणा में खरीफ सीजन में 52.45 एकड़ रकबे का ही पंजीकरण हुआ है। पंजीकरण कराने में 86.80 प्रतिशत के साथ कुरुक्षेत्र के किसान अव्वल तो 18.66 प्रतिशत के साथ रोहतक के पीछे हैं।

समालखा (पानीपत), [रामकुमार कौशिक]। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल। जिस पर किसान, उसकी फसल व खेत का ब्यौरा पंजीकरण होता है। किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता और समस्या निवारण के लिए प्रदेश सरकार का ये एक अनूठा प्रयास। वहीं एमएसपी पर फसल बेचने से लेकर सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा, मेरी पानी-मेरी विरासत, डीएसआर सहित विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ पाने के लिए किसान का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है। लेकिन फिर भी धरती पुत्र इसके प्रति जागरूक नहीं दिख रहा है। यहीं कारण है कि खरीफ सीजन में 89.85 लाख एकड़ में से प्रदेश भर से केवल 6 लाख 94 हजार 125 किसानों ने ही 47.12 लाख एकड़, यानी 52.45 प्रतिशत रकबे का ही पंजीकरण कराया है।
कुरुक्षेत्र अव्वल तो रोहतक फिसड्डी
खरीफ सीजन 2022 की बात करें तो मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पोर्टल कराने की अंतिम तिथि जा चुकी है। पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों की बात करे तो कुरुक्षेत्र के 44 हजार 143 किसान 3 लाख 3 हजार 155 एकड़, यानी 86.80 प्रतिशत रकबे का पंजीकरण करा अव्वल हैं। जबकि रोहतक के 9 हजार 10 किसानों ने 62 हजार 102 एकड़ रकबे का पंजीकरण कराया है। जोकि जिले के कुल रकबे का केवल 18.66 प्रतिशत ही है। ऐसे में रोहतक के किसान पंजीकरण कराने में सबसे फिसड्डी हैं।
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा का उद्देश्य
--कृषि संबंधित जानकारियां समय पर उपलब्ध करना।
--खाद्य, बीज,ऋण व कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध करवाना।
--फसल की बिजाई-कटाई का समय व मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध करना।
--प्राकृतिक आपदा-विपदा के दौरान सही समय पर सहायता दिलाना।
किस जिले से कितने किसानों ने कराया पंजीकरण--
जिला -------पंजीकृत किसान--------पंजीकृत रकबा-----प्रतिशत
अंबाला --------36,601-----------2,42,443-------83.90
भिवानी----------61831-----------3,89,725------56.09
चरखीदादरी-----34708-----------1,99,645------73.11
फरीदाबाद-------2896------------26,861 ---------25.58
फतेहाबाद-------40785----------3,26,374-------58.55
गुरुग्राम----------16379----------81,070---------36.11
हिसार-----------45486----------2,94,457-------32.97
झज्जर----------21000----------1,32,132-------34.96
जींद-------------28839---------2,19,369-------37.49
कैथल-----------41839---------3,63,435--------71.71
करनाल---------51140---------4,24,463--------82.29
कुरुक्षेत्र---------44143---------3,03,155--------86.80
महेंद्रगढ़--------67009---------2,90,268--------75.93
मेवात----------21868----------1,74,101-------61.00
पलवल---------16910---------1,34,061-------46.44
पंचकुला--------7335----------42,128----------61.11
पानीपत--------10493--------1,04,366--------41.08
रेवाड़ी----------49227--------2,16,428--------71.46
रोहतक---------9010---------62,102-----------18.66
सिरसा----------47349-------3,66,746--------38.19
सोनीपत--------10270--------82,603----------19.17
यमुनानगर------42909--------2,36,655--------76.72
ये भी जानना जरूरी है--
--मेरी पानी-मेरी विरासत योजना के तहत 40 हजार किसानों ने 84 हजार 37 एकड़ रकबे का कराया पंजीकरण।
--डीएसआर (धान की सीधी बुआई) को लेकर 25 हजार 130 किसानों ने 1 लाख 19 हजार 304 एकड़ रकबे का पंजीकरण कराया।
--31 हजार 249 किसानों ने देसी कपास को लेकर 72 हजार 806 एकड़ रकबे का पंजीकरण कराया।
--मेरी पानी-मेरी विरासत के तहत बागवानी को लेकर 6 हजार 441 किसानों ने 11 हजार 584 एकड़ रकबा पंजीकृत कराया।
--बाजरे की जगह दूसरी फसल उगाने को लेकर 8 हजार 956 किसानों ने 19 हजार 988 एकड़ रकबे का पंजीकरण कराया।
--पोर्टल पर 1 लाख 60 हजार 379 शिकायतें आई, इनमें से 30 हजार 23 पेंडिंग है और 10 हजार 176 रिजेक्ट हो गई।
--प्रदेश भर के 139 गांवों से किसी किसान ने पंजीकरण नहीं कराया।
--प्रदेश भर से 2 लाख 90 हजार 308 किसानों ने गैर बासमती को लेकर 22 लाख 47 हजार 935 एकड़ रकबे का पंजीकरण कराया।
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