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    Kisan Andolan: जींद में तैयार होगी दिल्ली कूच की रणनी‍ति, 16 को संयुक्त किसान मोर्चा का राज्य स्तरीय सम्मेलन

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 13 Nov 2021 09:25 AM (IST)

    Kisan Andolan संसद कूच के फैसले के बाद किसान आंदोलन में हलचल बढ़ गई है। अब जींद में दिल्‍ली कूच की रणनीति तैयार की जाएगी। इसके लिए जींद में 16 मार्च को संयुक्‍त किसान मोर्चा का राज्‍य स्‍तरीय सम्‍मेलन होने जा रहे हैं।

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    16 नवंबर को जींद की जाट धर्मशाला में सम्‍मेलन।

    जींद, जागरण संवाददाता। संयुक्त किसान मोर्चा के संसद कूच के फैसले के बाद दिल्ली बार्डर के मोर्चाें को मजबूत करने के लिए 16 नवंबर को जींद की जाट धर्मशाला में किसानों का राज्य स्तरीय सम्मेलन होगा। इसमें प्रदेश के टोलों पर चल रहे धरनों की कमेटी के सदस्य व किसान संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें 26 नवंबर को दिल्ली बार्डर पर किसानों के कूच करने को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।

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    किसान सभा के राज्य प्रधान फूल सिंह श्योकंद ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के आंदोलन की पूर्ण रणनीति तैयार करने के लिए जींद जिले का चयन किया है। राज्य स्तरीय सम्मेलन में दिल्ली के कूच के अलावा इंटरनेट मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह पर रोक लगाने के लिए भी रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा हरियाणा की हांसी में हुई बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

    उन्होंने कहा बताया कि हांसी में लघु सचिवालय के बाहर धरना जारी रहेगा। अगर प्रशासन ने किसानों की मांगे नहीं मानी तो आने वाली 16 नवंबर को जींद में राज्य स्तरीय सम्मेलन में बड़ा फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगातार भाजपा के नेता माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। पांच नवंबर को भी राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा को जब किसान व मजदूर काले झंडे दिखा रहे तो उस समय राज्यसभा सदस्य के साथ गाड़ी में सवार सहयोगियों ने किसान नेता कुलदीप राणा सातरोड़ के सिर में बंदूक का बट मारा। इससे कुलदीप राणा के सिर में अंदुरुनी चोट आई हुई है और हिसार के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसलिए राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा व उसके सहयोगियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाए और नारनौद थाने में जो किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं उनको रद किया जाए।

    जींद के दो टोलों पर सबसे मजबूत चल रहा धरना

    किसान आंदोलन के शुरुआत से ही जींद जिला की भूमिका सबसे ज्यादा रही है। आंदोलन की शुरुआत से ही जींद के खटकड़ व बदोवाला टोल पर धरना चल रहा है और इन दोनों धरनों पर अांदोलनकारियों की संख्या पहले की तरह की कायम हैं। जिले में भाजपा व जजपा के नेताओं का विरोध भी शुरुआत से ही जारी है। ज्यादा विरोध होने के चलते ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला 11 माह बाद जींद में आए थे, लेकिन वहां पर भी हंगामा हो गया था।