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    Kidney Stone: शरीर में हो रहें इन बदलावों से रहें सावधान, हो सकते हैं पथरी के लक्षण

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 28 Jul 2022 07:00 AM (IST)

    Kidney Stone खाने-पीने में लापरवाही बरतने के कारण हमें पथरी की समस्या से दो चार होना पड़ता है। डाक्टर के मुताबिक अगर पथरी की समस्या से छुटकारा पाना है तो खूब पानी पिएं रोजाना एक घंटे तक धूप का आनंद लें संतुलित आहार लें नियमित व्यायाम करें।

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    Kidney Stone: किडनी सहित किसी भी अंग में पथरी बनना सामान्य।

    पानीपत, जागरण संवाददाता। किडनी सहित शरीर के किसी अंग में पथरी बनना सामान्य बात है। मिनरल और साल्ट जमकर पत्थर का रूप ले लेते हैं। पांच-छह एमएम की पथरी निकालने के लिए सर्जरी की जरूरत बहुत कम पड़ती है। सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर कहते हैं कि खूब पानी पिएं, रोजाना एक घंटे तक धूप का आनंद लें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें तो पथरी बनने की संभावना न के बराबर रहती है।

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    मुख्यत: चार अंगों में होती है पथरी

    किडनी, यूरेटर (पेशाब की नली) यूरिनरी ब्लैडर (पेशाब की थैली) में। यह पूरा एरिया पथरी होने के लिहाज से काफी संवेदनशील है। पित्त की थैली में भी पथरी का बनना सामान्य है।

    चार तरह की होती है पथरी

    सिस्टीन स्टोन: यह स्टोन उन लोगों में ज्यादा बनता है जिनमें अनुवांशिक विकार सिस्टीनुरिया होता है।

    स्ट्रावाइट स्टोन: इस तरह की पथरी ज्यादातर पेशाब की थैली के संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं में पाई जाती है।

    यूरिक एसिड स्टोन: यह स्टोन पुरुषों में ज्यादा होता है। पेशाब में एसिड की मात्रा ज्यादा होती है तो यह बनता है।

    कैल्शियम स्टोन: कैल्शियम स्टोन किडनी में होने वाली पथरी में सबसे सामान्य है। कैल्शियम आक्सलेट, फास्फेट या मेलिएट से बनते हैं।

    किडनी में पथरी के मरीज अधिक

    शरीर में खून साफ करना, हार्मोन बनाना, मिनरल का अवशोषण, यूरिन बनाना, टाक्सिन्स निकालना, एसिड का संतुलन किडनी का काम है। सीधा अर्थ, यह हमारे शरीर का महत्वूपर्ण अंग है। खराब जीवनशैली, खानपान, मोटापा, पानी कम पीना किडनी रोगों को बढ़ावा देता है। किडनी में स्टोन इनमें एक है।

    पथरी होने के लक्षण

    -पेट में दर्द होना।

    -पेशाब करते समय दर्द होना।

    -पेशाब का पीला होना।

    -पेशाब में बहुत ज्यादा बदबू होना।

    -पेशाब में खून आना।

    -उलटी लगना।

    क्या करें कि पथरी न हो

    -सुपारी न खाएं। इसके अंश से पथरी बन सकती है।

    -टमाटर, चुकंदर या पालक कम मात्रा में खाएं।

    -रेड मीट छोड़ दें या फिर बिल्कुल कम खाएं।

    -पालक, काजू, चाय, काफी का सेवन कम करें।

    इन बातों का रखें ध्यान

    -रक्तचाप-शुगर को नियंत्रित रखें।

    -अनावश्यक दर्द निवारक गोली न खाएं।

    -नमक और मीठा का सेवन कम करें।

    -मांस का सेवन कम से कम करें।

    -चाकलेट, कोको, कोल्ड ड्रिक्स, चाय कम पिएं।

    इनका सेवन खूब करें

    -नारियल पानी खूब पिएं।

    -गाजर और करेला की सब्जी ज्यादा खाएं।

    -केला खाए, इसका जूस भी पिएं।

    -ओट्स का सेवन करें, इसमें पथरी रोधक गुण।

    -बादाम खाएं, इसमें पोटेशियम-मैग्नेशियम भरपूर।

    -हर दिन 10-12 गिलास पानी पिएं।