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    यहां हुआ था रामभक्त हनुमान का जन्म, हरियाणा में है ऐतिहासिक नगरी

    By Umesh KdhyaniEdited By:
    Updated: Wed, 11 Nov 2020 02:32 PM (IST)

    प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कैथल का नाम कपिस्थल था। यहां पहले एक विशाल टीला होता था। एक मान्यता यह है कि यहां माता अंजनी का निवास था और हनुमान जी का ज ...और पढ़ें

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    श्रद्धालु हर मंगलवार को मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं और हनुमान चालीसा और बजरंग बाण पाठ करते हैं।

    पानीपत/कैथल, जेएनएन। कैथल को पहले कपिस्थल के नाम से जाना था। कपिस्थल के राजा भगवान हनुमान के पिता केसरी रहे हैं। जिस कारण कैथल को भगवान हनुमान जी की जन्मस्थली माना जाता है। इसकी एक पहचान पार्क रोड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर भी है, जो अंजनी मां के टीले के नाम से मशहूर है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। हनुमान जी की माता अंजनी को समर्पित यह टीला कैथल के मुख्य ऐतिहासिक स्थानों में से एक माना जाता है। यह मंदिर शहर के बीचों-बीच स्थित है। यहां हर मंगलवार को पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

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    सतयुग में होता था विशाल टीला
    मंदिर के पुजारी पंडित बाबूराम शर्मा ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि मंदिर का इतिहास सतयुग से जुड़ा है। यहां पहले एक विशाल टीला होता था। एक मान्यता यह है कि यहां माता अंजनी का निवास था और हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस कारण इसे अंजनी का टीला कहा जाता है। कपि के राजा होने की वजह से हनुमान जी के पिता केसरी को कपिराज कहा जाता था। बाद में माता अंजनी के टीले के पास रिहायशी क्षेत्र में तब्दील हो गया और यह टीला विलुप्त हो गया। श्रद्धालु हर मंगलवार को मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं और हनुमान चालीसा और बजरंग बाण से हनुमान जी की स्तुति करते हैं।


    यहां पूजा करने से मिलता मनवांछित फल
    पुजारी बाबूराम ने बताया कि यह मान्यता प्राचीन काल से ही चली आ रही है कि माता अंजनी टीला हनुमान मंदिर में पूजा पाठ करने से मन वांछित फल प्राप्त होता है। श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान से मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। वर्ष में किसी एक निश्चित दिन आने की बजाय श्रद्धालु किसी भी मंगलवार को यहां पूजा पाठ के लिए आते हैं।