सिस्टम से हार रहा इब्राहिम लोदी को हराने वाला बाबर का सपना, काबुली बाग का ये अंजाम
यह वही पानीपत नगरी है, जहां युद्ध का शोर सुनाई देता था। बाबर ने इब्राहिम लोदी पर विजय के उपलक्ष्य में मस्जिद बनवाई थी। अब यहां नशेडिय़ों का अड्डा बन गया है।
पानीपत, जेएनएन। कई बड़े युद्धों का गवाह रहा है अपना शहर पानीपत। यहां की ऐतिहासिक मस्जिदें, दरगाह और इमारतें इसकी गवाही देते हैं। लेकिन, समय के शोर में अब इनकी आवाज दम तोडऩे लगी है। धरोहरें खामोश हैं। पुरातत्व विभाग को संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाती है तो वह भी खानापूर्ति करके मुंह मोड़ लेता है। हालत यह है कि इतिहास के इन प्रतीकों पर अब नशेडिय़ों और हुड़दंगियों का कब्जा है। ऐसा ही कुछ हाल है काबुली बाग मस्जिद का।
दरअसल, 14 जनवरी को शहर शौर्य दिवस मनाने की तैयारी में है। ऐसे में दैनिक जागरण ने ऐतिहासिक स्थलों की दुर्दशा दिखाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। इसी अभियान के अंतर्गत हमने बृहस्पतिवार को काबुली बाग मस्जिद के हाल की पड़ताल की। पेश है इसकी रिपोर्ट...
टूटी हुई तंग गली में है मस्जिद
काबुली बाग मस्जिद कुटानी रोड पर वार्ड-6 के अंतर्गत है। दैनिक जागरण की टीम छोटूराम चौक की तरफ से मस्जिद में पहुंची। इस रास्ते में एक जगह कीचड़ जमा है। गली भी टूटी पड़ी है। नगर निगम इसकी गली तक पक्की नहीं करा पाया है। एक तंग गली से होकर काबुली बाग मस्जिद तक पहुंचे। मुख्य गेट पर बाइकों की लाइन लगी हुई थी।
ढाई से तीन एकड़ में बनी मस्जिद
ढाई से तीन एकड़ में बनी मस्जिद के उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार से अंदर दाखिल होते ही सुंदर पार्क देखने को मिला। हालांकि, देखभाल की कमी में पौधे दम तोड़ते नजर आए। उप भवन के सामने स्थित पार्क क्रिकेट के मैदान में बदल चुका है। यहां बच्चे क्रिकेट खेलते मिले। गुंबदों पर पुष्पाकार गोलाकारी बनाए गए फलक उत्कीर्ण खस्ता थे। बच्चों ने यहां पर ईंटें निकालकर ऊपर चढऩे का रास्ता बना रखा है। उप भवन का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
बारिश में टूटी दीवार, निर्माण का अब तक इंतजार, ईंटें चोरी
काबुली बाग मस्जिद एक दीवार का करीब 100 फुट हिस्सा पिछली बारिश में गिर गया था। पुरातत्व विभाग छह महीने बाद भी इस दीवार को नहीं बनवा पाया है। आसपास के लोग दीवार के इस हिस्से की ईंट तक उठा ले गए हैं। लोगों से बात की गई तो बताया कि यहां पर नशेडिय़ों ने अड्डा बना रखा है। वे फव्वारे तक चोरी कर ले जाते हैं।
इतिहास: बाबर ने इब्राहिम लोदी पर विजय पाने की खुशी में बनवाई थी मस्जिद
काबुली बाग मस्जिद सुलतान बाबर ने 1526 में इब्राहिम लोदी पर विजय पाने की खुशी में बनवाया था। अहाते के अंदर बनी मस्जिद के कोने अष्ट भुजाकार हैं और प्रवेश द्वार उत्तर में है। लाल बालू के रंग व ईंटों से बने मुख्य द्वार के सामने बड़ा मेहराब बना हुआ है। इसकी गुंबदों पर पुष्पाकार गोलाकारी फलक उत्कीर्ण है। मुख्य प्रार्थना हाल वर्गाकार है। इसके पाश्र्व में उप भवन है। प्रत्येक उप भवन में नौ दीप और नौ आले हैं। इन पर अर्ध चंद्राकार गुंबद मौजूद है। केंद्रीय प्रार्थना कक्ष के मेहराब के दोनों ओर कोठरियां हैं। इन पर पवित्र कुरान की आयतें उद्धृत हैं। सलीम शाह को पराजित करने के बाद हुमायूं ने एक मंच बनवाया। इसे चबूतरा-ए-फतेह मुबारक कहा जाता है। इस पर हिजरी 934 (1527) अभिलेख है।
मरम्मत कराई जानी है
पुरातत्व विभाग की तरफ से नियुक्त चौकीदार सरवर सिंह ने बताया कि मस्जिद में दो वर्ष पहले मरम्मत कार्य कराया गया था। इसमें अभी और मरम्मत कराई जानी है। कुरुक्षेत्र स्थित सीए को इसकी रिपोर्ट भेजी जाती है।
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