हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान का निधन, जानिए कैसा था उनका सफर
हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सतबीर कादियान का निधन हो गया। उन्होंने गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। एक महीने से बीमार थे। इफको के चेयरमैन रहे। 1987 में पहला चुनाव जीता। जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे। वे पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.देवीलाल के साथी भी रहे थे।
पानीपत, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान का शनिवार को निधन हो गया। वह एक महीने से बीमार थे। दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई थी। सतबीर सिंह कादियान जननायक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। सतबीर कादियान लोकदल की युवा विंग में करनाल जिले के प्रधान रहे।
पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.देवीलाल के साथ रहे सतबीर सिंह कादियान ने 1987 में पहला चुनाव लड़ा था। नौल्था से उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद 1990 में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) के चेयरमैन बने। पहले ही साल उनके कार्यकाल में कंपनी ने करीब सौ करोड़ का मुनाफा कमाया। 1991 में जब खाद के दाम बढ़े तो उन्होंने इसके विरोध में इस्तीफा दे दिया था। हालांकि एक साल तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ। 1996 के चुनाव में 600 वोट से चुनाव हार गए। लेकिन अगले ही चुनाव में उन्होंने फिर से वापसी की और नौल्था सीट से चुनाव जीता। इनेलो की सरकार में वह विधानसभा के अध्यक्ष बने। वर्ष 2010 तक हरियाणा फुटबाल एसोसिएशन के अध्यक्ष बने।
ये भी जानें
सिवाह में गजे सिंह के घर जन्मे
26 जनवरी 1951 को जन्म
10 अप्रैल 2021 को निधन
ताऊ देवीलाल गर्ल्स कालेज बनवाया
ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के लिए अलग कालेज नहीं था। तब उन्होंने वर्ष 200 में सिवाह में ताऊ देवीलाल गर्ल्स कालेज बनवाया। ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को अब पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ती।
एसवाईएल के लिए दिया था इस्तीफा
बात 1995 की है। तब सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल के पानी का मुद्दा गर्मा गया था। हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दिलाने के लिए 17 विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। उनमें सतबीर सिंह कादियान भी थे।
ताऊ देवीलाल पार्क बनवाया
पानीपत में टोल के नजदीक जब ताऊ देवीलाल पार्क बनवाया जा रहा था, तब लोगों ने कहा था कि शहर से बाहर पार्क क्यों बना रहा था। सतबीर कादियान दूरदर्शी थे। तब उन्होंने इन बातों को अनसुना करते हुए दस एकड़ जगह और अधिग्रहण कराई। करीब 38 एकड़ में ये पार्क बना। अब इसी पार्क में शहर के लोग सैर करने पहुंचते हैं। यहीं पर वार म्यूजियिम बनाया जाएगा। तब कादियान इस पार्क के लिए पहल नहीं करते तो आज ये जगह न देख पाते।
करनाल में करते थे वकालत
लैंड मोर्गेज बैंक की नौकरी छोड़कर सतबीर कादियान वकालत करने लगे थे। उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एलएलबी की थी। करनाल में राज्यसभा सदस्य महेंद्र सिंह लाठर के साथ प्रैक्टिस करते थे।
राजनीति में बेटा सक्रिय
स्व.सतबीर कादियान की पत्नी बिमला देवी ने 2009 में चुनाव लड़ा था। जीत दर्ज नहीं कर सकीं। अब उनके बेटे देवेंद्र कादियान राजनीति में सक्रिय हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा से चुनाव लड़ा था। 48 हजार वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे थे। पत्नी कपिला कादियान, बेटी हिया और बेटा कर्णदेव है।
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