विधानसभा में गूंजा पानीपत का डेयरी शिफ्टिंग का मुद्दा, बरसत रोड पर मांगा सेक्टर
पानीपत के मुहल्लों की तंग गलियों में दूध की डेयरियां खुली हैं। तहसील कैंप से जाटल रोड गोहाना रोड सनौली रोड विकास नगर से लेकर शहर के हर कोने में दूध की डेयरियां हैं। बिंझोल में नाम के ही प्लाट काटे गए।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में दो दशक हो चुके हैं। शहर से बाहर प्लाट दिए जाने के बावजूद दूध की डेयरियों को शिफ्ट नहीं किया जा सका। बिंझौल में जहां पर प्लाट आवंटित किए गए, वहां पर कुछ लोगों ने दूध की डेयरी बनाने की जगह मकान ही बना लिए हैं। डेयरियां शहर में चल रही हैं। इनकी वजह से सीवर जाम हो रहे हैं। पानी निकासी ठप हो रही है। डेयरियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। शहर के प्रमुख मुद्दे को भाजपा के विधायक प्रमोद विज ने विधानसभा के बजट सत्र में उठाया। यहां तक की डेयरी के लिए बरसत रोड पर एक और सेक्टर बनाने तक की मांग की। निकाय मंत्री डा.कमल गुप्ता ने उनके सवालों पर जवाब दिए। समाधान का आश्वासन दिया।
विधायक विज के सवाल पर पहले मंत्री का जवाब
विधायक प्रमोद विज ने सवाल लगाया था किन गर पानीपत की सीमा से बाहर डेयरियां स्थानांतरित करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है या नहीं। इस पर निकाय मंत्री डा.कमल गुप्ता ने कहा, वैसे तो पानीपत नगर निगम की सीमा में लगभग 600 डेयरियां आती हैं। नगर निगम पानीपत द्वारा 381 डेयरियों को स्थानांतरित करने का कार्य वर्ष 2003 में शुरू हुआ। गांव बिंझोल में 147 भूखंडों के साथ एक डेयरी फार्म स्थापित करने का कार्य किया गया था। इनमें से 128 भूखंडों को आवंटित किया जा चुका है और इस डेयरी फार्म में अब तक 64 डेयरियां को स्थानांतरित किया जा चुका है। नगर निगम पानीपत शेष बचे हुए 19 डेयरी भूखंडों को आवंटित करेगा। यह प्रक्रिया सितंबर, 2022 तक पूरी कर ली जाएगी।
अब पढ़िए, विधायक विज ने क्या कहा
अध्यक्ष जी। आपके माध्यम से आपको बताना चाहूंगा कि यह सूचना बिल्कुल गलत है। 381 डेयरियों का सर्वे है। यह 2002 का सर्वे है। अभी हम 2022 में खड़े हैं। 147 खंड दे दिए पहले, 19 खंड बच गए हैं। 128 भूमि अलाट की गई। उनमें भी मकान बन चुके हैं। किसी ने एक-दो भैंस रखी हों तो अलग बात है। 19 की आक्शन को तो हम तीन साल से निगम निगम को कह रहे हैं। मालूम नहीं उनकी समय सीमा क्या है। कब वो करेंगे। हम अमृत योजना के तहत प्रोजेक्ट चला रहे हैं। पानीपत नगर निगम के क्षेत्र में जितनी भी डेयरी हैं, सभी ने सबमर्सिबल लगाए हुए हैं। जैसे ही गोबर निकलता है तो पानी से सीवर में बहा देते हैं।
बरसत रोड की तरफ डेयरी सेंटर बनाया जाए
पानीपत में इस समय 700 से 800 डेयरी हैं। ये सीवर सिस्टम को खत्म कर रहे हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि 19 प्लाट को जल्द बेचा जाए। बाकी जो पांच-छह सौ डेयरी वाले हैं, इनके लिए बिंझौल में एरिया डेवलप किया गया था। पंचायत अतिरिक्त लैंड देने के लिए तैयार है। पार्षदों ने कहा था, विधयक महिपाल के संज्ञान में होगा, वहां लैंड मिल सकती है। निगम का क्षेत्र बढ़ चुका है। हमें एक नहीं, दो डेयरी सेंटर चाहिए। मेरी प्रार्थना है। मैंने कमिश्नर से बात की है। बरसत रोड की तरफ डेयरी सेंटर बनाया जाए। जहां तक जगह की बात मैं उससे सहमत नहीं हूं। पानीपत नगर निगम बना तो इसमें कई गांव भी शामिल हुए। उनकी शामलात की जगह इनकी है। केवल भूखंड काटे गए। इस तरह डेयरी सेक्टर नहीं बन सकते। योजनाबद्ध तरीके से सहूलियत दी जाए। समयबद्ध तरीके से बनाए जाएं। सर्वे दोबारा करा लिया जाए। डेयरी की आज की संख्या लें।
मंत्री ने कहा- जो शिफ्ट नहीं हो रहे, उन्हें नोटिस देंगे
मंत्री कमल गुप्ता ने कहा, विधायक की चिंता सही है। जहां तक 700-800 डेयरी की बात है, मैं चेक करा लूंगा। 64 ने शिफ्ट किया, 64 ने नहीं किया। इन 64 के खिलाफ नोटिस दे रहे हैं।। आपने जो सुझाव दिए, इनका संज्ञान लेंगे। मैं आपको सदन में आश्वासन देता हूं, दोबारा सर्वे करा लिया जाएगा। जमीन अलग अलग उपलब्ध है तो आप एक्टिव होकर हमें लिखित में प्रोजेक्ट दें।
जागरण पड़ताल : तंग गलियों में डेयरियां, कोई असर नहीं
शहर के मुहल्लों की तंग गलियों में दूध की डेयरियां खुली हैं। तहसील कैंप से जाटल रोड, गोहाना रोड, सनौली रोड, विकास नगर से लेकर शहर के हर कोने में दूध की डेयरियां हैं। बिंझोल में नाम के ही प्लाट काटे गए। जिन लोगों ने प्लाट लिए, उन्होंने भी दूध की डेयरियां शहर में खोल रखी हैं। सवाल ये है कि नगर निगम ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की। संबंधित अफसर नोटिस देते हैं। सीलिंग करते हैं। उसी सीलिंग को तोड़कर फिर से डेयरी खुल जाती है। तंग गलियों में तो बारिश के दिनों में हालात ये होते हैं कि वहां से निकला भी नहीं जा सकता। स्थानीय लोग इनकी शिकायत करते हैं तो उनके साथ डेयरी वाले झगड़ा करते हैं।
फ्लैशबैक- संजय भाटिया के थैले में होते थे कथित घोटाले के कागज
कांग्रेस नेता विनोद वढ़ेरा नगर परिषद के चेयरमैन होते थे। संजय भाटिया विपक्ष में थे। अब सांसद हैं। उस समय संजय भाटिया ने बिंझौल में प्लाट आवंटन का मामला जोरदार तरीके से उठाया था। उनके थैले में कथित घोटाले के कागज होते थे। अब तक बिंझौल में डेयरियां शिफ्ट नहीं हो सकीं। विधानसभा तक में विधायक ने सच सामने रख दिया है। जिन्होंने प्लाट लिए दूध की डेयरी बनाने के लिए, वहां मकान बना दिए।
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