पानीपत से पकड़ाया ISI का जासूस, पाकिस्तान भेजता था ट्रेनों की जानकारी; तीन बार हो चुके ब्लास्ट; रेलवे अलर्ट पर
पानीपत से एक आईएसआई का जासूस पकड़ाया है। जासूस रेलवे स्टेशन और ट्रेनों के गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान भेजता था। इसके बाद से ही रेलवे अलर्ट पर है। पानीपत में आतंकी गतिविधियों का इतिहास रहा है जहां ट्रेनों और बस में हुए विस्फोटों में 68 लोगों की मौत हो चुकी है। 2007 में समझौता एक्सप्रेस में धमाके से 66 लोग मरे थे।

जागरण संवाददाता, पानीपत। पानीपत हमेशा से आतंकियों और उपद्रवियों के निशाने पर है। यहां तीन बार ट्रेनों में और एक बार बस स्टैंड पर बस में विस्फोट की आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा चुका है। इन आतंकी घटनाओं में 68 लोगों की मौत हुई थी। रेलवे का करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।
वर्ष 1998 में भी निजी बस में ब्लास्ट हुआ था, दो लोग मरे थे। इसी साल 29 जनवरी को गोहाना पुल के पास रेलवे ट्रैक पर एंगल रख एक्सप्रेस ट्रेन को पलटाने का प्रयास किया जा चुका है।
अब पानीपत की हाली कालोनी में पकड़ा आईएसआई का जासूस पानीपत रेलवे स्टेशन और ट्रेनों की वीडियो पाकिस्तान में भेजता था। कौन सी ट्रेन कब आती है। किस-किस ट्रेन का पानीपत में ठहराव है। यह सभी जानकारी पाकिस्तान भेजता था। इसका खुलासा होने के बाद रेलवे भी अलर्ट पर आ गया है।
यह हो चुके हैं ट्रेन धमाके
18 फरवरी 2007 को दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में पानीपत में बम धमाका हुआ था। इससे समझौता एक्सप्रेस की दो बोगियों में भीषण आग लग गई थी। इसमें 66 लोग जिंदा जल गए थे। करीब 12 लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। मरने वालों में 12 बच्चे भी थे। आज भी 10-12 यात्रियों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।मरने वालों में अधिकतर पाकिस्तान के थे। इनको महराना के पास कब्रिस्तान में दफनाया था।
12 मई 2016 को पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट
12 मई रात सवा आठ बजे पुरानी दिल्ली से पानीपत रेलवे स्टेशन पर पहुंची 64,451 पैसेंजर ट्रेन में करीब 8.05 बजे धमाका हुआ था। ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर चार से यार्ड में ले जाया जा रहा था।
आगे वाली रैक में धमाके के साथ आग लग गई थी। इसमें जान का नुकसान नहीं हुआ लेकिन बोगी पूरी तरह से जल गई थी। जांच में सामने आया कि आतंकियों ने ट्रेन में टाइम बम रखा था।
16 जनवरी 2016 पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट
16 जनवरी 2016 की शाम पानीपत से अंबाला जाने वाली पैसेंजर ट्रेन की बोगी में ब्लास्ट हुआ। हादसे के वक्त ट्रेन में 20-30 यात्री थे। जांच में यह बैट्री बम पाया गया। यहां पुलिस को सेल भी बरामद हुए थे।
आईबी ने मामले की जांच की, आज तक ट्रेन में बम रखने वाले का सुराग नहीं लगा है। रेलवे स्टेशन की ओर बैट्री ले जाते हुए एक युवक सीसीटीवी में कैद भी हो गया था।
29 जनवरी को बड़ा हादसा टला
उपद्रवियों ने गोहाना रोड पुल के पास ट्रैक पर 20 फीट लंबा लोहे का एंगल रख ट्रेन को पलटने का प्रयास किया। 29 जनवरी सुबह साढ़े तीन बजे लोको पायलट ने इसे देख लिया और इसकी सूचना रेलवे के अधिकारियों को दी। अधिकारियों ने नेताजी एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। नेताजी एक्सप्रेस को यहां सुबह 3.50 मिनट पर पहुंचना था। इसलिए बड़ा हादसा टल गया।
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