ईरान की धरती पर हरियाणा के खिलाड़ी का डंका, वालीबाल खिलाड़ी शेखर के दम पर टीम ने जीता कांस्य
Indian volleyball team won bronze विश्व में करनाल के गांव पोपड़ा का नाम छाया। वालीबाल खिलाड़ी शेखर के दम पर जीता कांस्य जीता। अंडर-18 वालीबाल में ईरान की धरती पर हरियाणा की वालीबाल टीम की धाक देखने को मिली है।

करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल के गांव पोपड़ा में जश्न का माहौल है क्योंकि यहां का बेटे शेखर टूरन ने ईरान (तेहरान) में आयोजित जूनियर एशियन कप वालीबाल चैंपियनशिप में चमक बिखेरी है। 17 साल की आयु में इतनी बड़ी उपलब्धि जिद और जुनून से ही संभव है।
अंडर-18 भारतीय टीम की जीत पर गांव पोपड़ा में खुशी का माहौल है और ग्रामीण एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। कर्ण स्टेडियम सहित वालीबाल प्रेमी आज टीम के उपकप्तान शेखर के बेहतर खेल का जिक्र करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। कुरुक्षेत्र साई का खिलाड़ी शेखर टूरन भारतीय टीम के साथ 12 अगस्त को रवाना हुए थे और अलग-अलग मुकाबलों में स्कोर जीत टीम ने कांस्य पदक हासिल किया है।
ऊंचे कद के कारण बेस्ट वाली खेलता है शेखर
प्रशिक्षण प्रवीण के अनुसार शेखर का कद ऊंचा होने के कारण वालीबाल में पकड़ मजबूत है। फूर्तीला अंदाज उसके खेल को और बेहतर बनाता है। क्षेत्रीय मुकाबलों में अच्छे प्रदर्शन के बाद ही खिलाड़ी का चयन भारत की टीम के लिए हो सका है। आज चयन कर्ताओं को शेखर टूरन पर गर्व है क्योंकि भारत की टीम रोचक मुकाबलों के साथ कांस्य पदक हासिल किया है। टीम सदस्यों सहित खिलाड़ी दो-तीन दिन भारत में भारत पहुंचेगे।
गांव में रात भर चला जश्न, सुबह युवाओं में जोश
शेखर के पिता रामफल टूरन ने बताया कि तीन भाई-बहनों में शेखर ने परिवार का नाम रोशन कर दिया है। आज गांव पोपड़ा को विश्व में जाना जाने लगा है जिसके चलते रातभर गांव में जश्न का माहौल रहा और मंगलवार को भी युवाओं ने ढोल की थाप नाचे हैं। दिनभर घर में बधाईयों का सिलसला चला। पिता के अनुसार शेखर टूरन ने जब बचपन में वालीबाल खेलना शुरू किया था तो तब से ही देश के लिए मेडल जीतने की जिद करता रहता था, जिसे उसने आज पूरा कर दिखाया है।
पिता रामफल टूरन ने बताया कि चोरकारसा के स्कूल में शेखर जब प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहा था तो प्रशिक्षक प्रवीण के नेतृत्व में चांदकौर अकादमी में वालीबाल खेलना शुरू की। 17 वर्षीय शेखर की फुर्ती और ऊंचे कद के कारण वालीबाल में पहचान बनी और बेहतर प्रदर्शन के चलते भारतीय खेल प्राधिकरण कुरुक्षेत्र में उसका चयन कर लिया गया। फिलहाल शेखर कक्षा 12वीं का विद्यार्थी है और कुरुक्षेत्र में ही पढ़ाई के साथ वालीबाल का अभ्यास करता है।
सीनियर टीम में खेलने का लक्ष्य
दो भाई और बहन में वालीबाल खिलाड़ी शेखर छोटा है और माता माफी गृहिणी हैं। शेखर के मामा अरविंद्र मेहला ने बताया कि शेखर का लक्ष्य देश की सीनियर वालीबाल टीम में खेलकर मेडल जीतने का है। भारतीय टीम के 20 खिलाड़ियों में चयनित शेखर के चयन से गांव में खुशी का माहौल है और सभी को शेखर से बेहतर खेल की उम्मीद है। वालीबाल में बेहतर प्रदर्शन के कारण ही उन्हें भारत की अंडर-18 टीम के लिए चयन किया गया है। वहीं, शेखर टूरन के स्वजनों के अनुसार 16 अगस्त को टीम द्वारा पहला मुकाबला जीतने पर ही चैंपिशनशिप में मेडल की उम्मीद बंध गई थी। कोच राहुल सांगवान के नेतृत्व में चैंपियनशिप के बाद सभी सदस्य दो-तीन दिन में भारत वापसी करेंगे। तब गांव में स्वागती कार्यक्रम के दौरान शेखर को सम्मानित किया जाएगा।

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