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    जिस घर में मां-बाप हंसते हैं, उसी घर में भगवान बसते हैं

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 17 Feb 2019 09:30 AM (IST)

    पावटी रोड स्थित आशादीप सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मातृ-पितृ दिवस मनाया गया।

    जिस घर में मां-बाप हंसते हैं, उसी घर में भगवान बसते हैं

    जागरण संवाददाता, समालखा : पावटी रोड स्थित आशादीप सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मातृ-पितृ दिवस मनाया गया। जिसकी शुरुआत बच्चों ने अभिभावकों की आरती उतारने के साथ की। साथ ही पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। इस दौरान बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के जरिये समाज की बदलती तस्वीर भी पेश की। स्कूल प्रबंधक डॉ. देवेंद्र आर्य ने कहा कि बच्चों में शिक्षा के साथ अच्छे संस्कारों की बहुत जरूरी है। जो बदलते दौर के बीच खत्म हो रहे हैं। जो समाज के लिए ठीक नहीं है, इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे संस्कार जरूर दे। उन्होंने कहा कि संस्कारों की कमी के कारण ही बुढ़ापे में माता-पिता को बोझ समझकर बेटे दरकिनार कर देते हैं। जिस घर में मां-बाप हंसते रहते हैं, उसी घर में भगवान बसते हैं माता पिता की पूजा सबसे बड़ी पूजा है।

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    समारोह में बच्चों ने माता पिता का पूजन कराने के साथ उनको शॉल उपहार के रूप में दी। वहीं नीरज आर्य ने कहा कि प्राचीन संस्कृति को ¨जदा रखने के लिए ऐसे कार्यक्रम बहुत जरूरी है। इस मौके पर शशि बाला, सुमित कुमार, पल्लवी खन्ना, अनीता यादव व सोनिया मौजूद रहे।