Updated: Sun, 17 Aug 2025 10:24 PM (IST)
पानीपत में गर्भपात दवाओं का अवैध कारोबार सामने आया है जिसमें शामली और कैराना से एमटीपी किट की सप्लाई हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के लिए यह तस्करी रोकना चुनौती है। कई मामलों में शामली से किट आने की बात सामने आई है। झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अवैध गर्भपात के कारण महिलाओं की जान भी जा रही है।
जागरण संवाददाता, पानीपत। जिले में गर्भपात की दवाएं उत्तर प्रदेश के शामली और कैराना से सप्लाई हो रही है। वहां से एमटीपी किट की होम डिलीवरी भी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के लिए इस तस्करी को रोकना बड़ी चुनौती बन गया है। शामली में अवैध रूप से गर्भपात के कई मामलों का राजफाश हो चुका है।
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पिछले छह माह में तीन जगह एमटीपी किट पकड़ी गई, पकड़े गए लोगों ने पूछताछ में कबूला किट शामली से आई। तीन जुलाई को भी पानीपत के कच्चा कैंप की रहने वाली महिला का कैराना में झोलाछाप ने अवैध रूप से गर्भपात किया था। बच्चादानी में कट लगने से महिला की मौत हो गई।
शामली पुलिस ने झोलाछाप पर कार्रवाई नहीं की। दो माह पहले गांव पसीना के पास एक मेडिकल स्टोर संचालक के पास से 25 एमटीपी किट पकड़ी थी। जांच में पता चला यह किट शामली का एक युवक देकर जाता था। अब तक वह युवक भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। दो अगस्त को समालखा की महिला ने गर्भपात की दवा खा ली।
बच्चादानी में भ्रूण के अंश रह गए। महिला की जान पर बन आई। खानपुर मेडिकल कालेज में आपरेशन के बाद जान बची। जांच में पता चला कि यह एमटीपी किट यमुना तटीय गांव खोजकीपुर के राजेश ने सप्लाई की थी। गिरफ्त में आए आरोपित विक्की ने पुलिस को बताया कि राजेश उत्तर प्रदेश और दिल्ली से किट मंगवाता है।
2015 से अब तक पानीपत स्वास्थ्य विभाग ने आठ बार उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में दबिश देकर गर्भपात व गर्भपात की दवाएं बेचने का राजफाश किया है। पानीपत की कई दाई शामली, मुजफ्फरनगर से चलने वाले गर्भपात के गिरोह से जुड़ी पाई गई थी। इनको भी गिरफ्तार किया था।
स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 10 साल में 88 जगह रेड कर गर्भपात होने व गर्भपात की अवैध रूप से दवा बिकने का राजफाश किया है। कई अस्पतालों में भी कार्रवाई हो चुकी है। पानीपत की टीमें रेवाड़ी, करनाल व दिल्ली में भी कार्रवाई कर चुकी है। फिलहाल पानीपत का लिंगानुपात 924 है।
जुलाई का लिंगानुपात 975 रहा। अब पानीपत लिंगानुपात के मामले में प्रदेश में टाप पांच पर है। स्वास्थ्य विभाग 800 से कम लिंगानुपात वाले गांवों में जागरूकता कार्यक्रम करवा रहा है। आशा कार्यकर्ता रख रही दो से तीन माह की गर्भवतियों पर नजर आशा कार्यकर्ताओं को अब दो से तीन माह की गर्भवतियों पर नजर रखने को कहा है।
इतने दिन के भ्रूण की सफाई की जा सकती है। अगर आशा कार्यकर्ता को गर्भपात कराने की सूचना मिलती है तो वह इसकी सूचना पीएनडीटी टीम को देगी। टीम उससे पूछताछ करेगी और गर्भपात करने वाले तक पहुंचेगी। स्वास्थ्य विभाग गर्भपात के ऐसे गिरोह की चेन तोड़ने के लिए विभिन्न प्लानिंग पर काम कर रहा है।
लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जहां से भी भ्रूण लिंग जांच व गर्भपात की सूचना मिल रही, वहां कार्रवाई की जा रही है। एमटीपी किट बेचने वालों की सप्लाई चेन तोड़ने पर फोकस है। डाक्टरों की टीमें लगातार शहर में अल्ट्रासाउंड केंद्रों का निरीक्षण कर रही है। लिंगानुपात में भी हाल में काफी सुधार हुआ है। डा. विजय मलिक, सिविल सर्जन, पानीपत।
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